खादी की गाली सुनकर भी खामोश खाकी
कानपुर,11मई2016। साभार- रफ़्तार टाइम टीवी। उत्तर प्रदेश के कानपुर में आये कबीना मंत्री शिवपाल सिंह तथा पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव के सामने बड़े मंच तथा जन समूह में खुले आम IPS को वैश्या का तमगा देने वाले व्यापारी नेता मोहनलाल गुप्ता के खिलाफ मुक़दमा लिखने में खाकी काप रही है ? ये घटना सभी IPS के लिए एक प्रश्न खड़ा कर रही है। आखिर फर्ज के साथ जमीर का सम्मान भी अति महत्व पूर्ण है जो खोजना पड़ रहा है ? आप ये देखे की इस नेता के कहें हुए शब्दों को सुन कर 10 मई को “युवा शक्ति देश बचाओ मोर्चा” के लोगो ने इस कृत्य के विरुद्ध FIR कराने के लिए शहर के बर्रा थाने का रुख किया।
मोर्चा के अध्यक्ष विवेक दीक्षित ने सबसे पहले सीओ से बात की पुरी जानकारी भी दी परन्तु CO गोविन्द नगर विशाल पांडे ने किसी मर्डर का हवाला देकर व्यवस्था जताई। अब बात आती है SO बर्रा की लगभग 2 बजे मोर्चा का प्रतिनिधि मंडल बर्रा थाने पंहुचा। इधर उधर की बात करते दरोगा ने बताया की साहेब खाना खाने गये है। मोर्चा के साथ एक मीडिया हाउस के कार्यकारी संपादक भी थे। उन्होंने SO तुलसी राम पांडे को फोन लगाया। फोन लगते ही बात SO से जारी हुई। अपनी खाकी को दी गई गाली के विरुद्ध दोषी पर उचित क़ानूनी करवाई के लिए अनुरोध किया। SO बोला की अभी आया हु और खाना खाने जा रहा हु बल्कि खा रहा हु। दो दिनों से नहीं खाया है ? मै शाम तक आऊंगा, थाने आप तब आये ? लगभग 5 बजे फोन किया गया तो वो दो घंटे बाद के लिए बोले। दर असल थाने के बोर्ड में साफ लिखा है की साम 6 से 7 बजे मिलने के लिए स्वागत है । इस पर मोर्चे के सभी लोग फिर बर्रा थाने पहुचे । SO पांडे जी ठीक बगल में बर्रा चोंकी में मशगुल थे। ख़ेर फोन पर बात हुई आश्वासन मिला अभी हम आते है ? लगभग 30 मिनट ब़ेठने के बाद पता चला SO तुलसी राम पांडे चले गये। खाकी के सम्मान के लिए आगे आये सामाजिक संगठन के लोगो को यह कृत्य ठीक नहीं लगा। परन्तु जो समाज के लिए समर्पण रखते है वो मंजिल तक पहुचना अच्छी तरह जानते है। दुःख जरुर हुआ इस खाकी से ? अंतिम फोन में बर्रा SO ने अपनी हिम्मत को दिखा ही दिया। पांडे जी ने थाने के परि्क्षेत्र में ना आने का साफ हवाला दे कर कल्यानपुर थाने में जाने की बात कही ? आखिर SSP ( IPS ) की सेना है क्या ? अभी तक पुलिस पीट रही थी अब इनके अफसरों को वैश्या बोलने का खुला साहस भी कानपुर के नेता ने दिखा दिया ? सिर्फ धनबल और अहंकार में उसने एक वर्ग को बोला है जिसका विश्वास है जनता के बीच। आखिर इनका जमीर मर चूका है क्या ? मोर्चे के लोगो को समझ आ गया इनका वजूद क्या है ? कानपुर आई जी के व्हाट्सऐप “एक नंबर भरोसे का ” में मामला दर्ज करवा दिया। कल क्या होगा तथा दोषी पर कब क़ानूनी करवाई होगी इस पर नजर रखेगे। लेकिन मन में बहुत प्रश्न है कि हम आखिर किसके लिए कर रहे पर हमे अपने भविष्य को ठीक करना है ।
मोर्चा के अध्यक्ष विवेक दीक्षित ने सबसे पहले सीओ से बात की पुरी जानकारी भी दी परन्तु CO गोविन्द नगर विशाल पांडे ने किसी मर्डर का हवाला देकर व्यवस्था जताई। अब बात आती है SO बर्रा की लगभग 2 बजे मोर्चा का प्रतिनिधि मंडल बर्रा थाने पंहुचा। इधर उधर की बात करते दरोगा ने बताया की साहेब खाना खाने गये है। मोर्चा के साथ एक मीडिया हाउस के कार्यकारी संपादक भी थे। उन्होंने SO तुलसी राम पांडे को फोन लगाया। फोन लगते ही बात SO से जारी हुई। अपनी खाकी को दी गई गाली के विरुद्ध दोषी पर उचित क़ानूनी करवाई के लिए अनुरोध किया। SO बोला की अभी आया हु और खाना खाने जा रहा हु बल्कि खा रहा हु। दो दिनों से नहीं खाया है ? मै शाम तक आऊंगा, थाने आप तब आये ? लगभग 5 बजे फोन किया गया तो वो दो घंटे बाद के लिए बोले। दर असल थाने के बोर्ड में साफ लिखा है की साम 6 से 7 बजे मिलने के लिए स्वागत है । इस पर मोर्चे के सभी लोग फिर बर्रा थाने पहुचे । SO पांडे जी ठीक बगल में बर्रा चोंकी में मशगुल थे। ख़ेर फोन पर बात हुई आश्वासन मिला अभी हम आते है ? लगभग 30 मिनट ब़ेठने के बाद पता चला SO तुलसी राम पांडे चले गये। खाकी के सम्मान के लिए आगे आये सामाजिक संगठन के लोगो को यह कृत्य ठीक नहीं लगा। परन्तु जो समाज के लिए समर्पण रखते है वो मंजिल तक पहुचना अच्छी तरह जानते है। दुःख जरुर हुआ इस खाकी से ? अंतिम फोन में बर्रा SO ने अपनी हिम्मत को दिखा ही दिया। पांडे जी ने थाने के परि्क्षेत्र में ना आने का साफ हवाला दे कर कल्यानपुर थाने में जाने की बात कही ? आखिर SSP ( IPS ) की सेना है क्या ? अभी तक पुलिस पीट रही थी अब इनके अफसरों को वैश्या बोलने का खुला साहस भी कानपुर के नेता ने दिखा दिया ? सिर्फ धनबल और अहंकार में उसने एक वर्ग को बोला है जिसका विश्वास है जनता के बीच। आखिर इनका जमीर मर चूका है क्या ? मोर्चे के लोगो को समझ आ गया इनका वजूद क्या है ? कानपुर आई जी के व्हाट्सऐप “एक नंबर भरोसे का ” में मामला दर्ज करवा दिया। कल क्या होगा तथा दोषी पर कब क़ानूनी करवाई होगी इस पर नजर रखेगे। लेकिन मन में बहुत प्रश्न है कि हम आखिर किसके लिए कर रहे पर हमे अपने भविष्य को ठीक करना है ।