बलिया में स्वास्थ विभाग- अस्पताल जो खुद है बीमार।
बेल्थरा रोड ( बलिया)। अरविन्द कुमार सिंह के साथ अनमोल। विभागीय लापरवाही कही जाए या मनमानी,बात करते है इन्द्रौली मलकौली ग्राम सभा में स्थापित नया प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र इन्द्रौली मलकौली जनपद बलिया की। जिसका निर्माण सन 1992 में हुवा था। इस अस्पताल की व्यवस्था से आज हम आपको रूबरू करवाते है। स्थानीय व्यक्तियो से बातचीत में हमको मालुम हुवा की 1992 में हुवे अस्पताल के निर्माण के बाद B L फॉर्म पर बिजली हेतु ट्रांसफारमर के लिए पैसा जमा हो गए है। लेकिन आज भी अस्पताल बिना बिजली का चलता है। पानी की व्यवस्था भी यंहा पर बत्तर है। इंडिया मार्का हेण्डपाइप भी सूखे पड़े है। खिड़कियां टूटी पड़ी है, शौचालय की व्यवस्था क्या है तस्वीरे बयान कर रही है, अस्पताल प्रांगण ऐसा जैसे कभी इस पर किसी सफाई कर्मचारी की इंट्री ही नही हुई है। स्टाफो की व्यवस्था पूर्ण रूप से सकुशल है लेकिन मरीजो को बैठने हेतु किसी भी संसाधन की व्यवस्था नही है और ना ही तो बेड की व्यवस्था है। बस आज नाम का अस्पताल बनकर रह गया है। इस सारी व्यवस्था को देखते हुए स्थानीय नागरिको ने जिला प्रशासन को लगभग दर्जनों शिकायत (प्रार्थना पत्र) इसके सन्दर्भ में कई महीनो पहले लिख उचित कार्यवाई की मांग की थी जिससे सरकार द्वारा दी गई सारी व्यवस्था का भरपूर लाभ मिले लेकिन आज तक इस मामले पर जिला प्रशासन चुप्पी साधे हुवे है।
जहाँ उत्तर प्रदेश सरकार आमजन के अच्छे स्वास्थ हेतु जो भी सुविधाए जिले को प्रदान की जाती है उसका बिलकुल जिले में व्यवस्था विफल है। ऐसे स्थानों या अस्पतालों पर किसी कर्मचारी की नजर नहीं पड़ती है क्या? यह एक सवाल है जिसका उत्तर आज तक प्राप्त न हो पाया है आम जनता को। क्या इस अस्पताल के लिए कोई फंड नही देती है उत्तर प्रदेश सरकार या जो निःसंदेह देती है फिर वो पैसा आज तक गया कहा। आखिर किस ताले में बंद है अथवा किस तिजोरी में है। मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी अपना दौरा तो ज़रूर दिखाते होंगे इस अस्पताल का। फिर वो क्यों नहीं आज तक इन कमियो को देख सके है। या फिर शायद साहेब ने देख कर भी न देखा हो।