PNN24 न्यूज़ और आइरा ने मनाया हिंदी पत्रकारिता दिवस

कानपुर 30 मई 2016 (रोशनी चौरसिया) पीएनएन24 न्‍यूज पोर्टल और आल इंडिया रिपोर्टर्स एसोसिएशन (आइरा) के संयुक्‍त तत्‍वाधान में आज हिन्‍दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर एक विचार संगोष्‍ठी का आयोजन किया गया। वर्तमान परिपदृश्‍य और हिन्‍दी पत्रकारिता विषय पर आयोजित इस संगोष्‍ठी की अध्‍यक्षता आईरा के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष एडवोकेट पुनीत निगम ने की।

गोष्‍ठी में उपस्थित लोगों को सम्‍बोधित करते हुये उन्‍होंने कहा कि‍ ऑनलाइन मीडिया आज पत्रकारिता के लिए बड़ी चुनौती है। पाठकों को व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर जैसे आनलाइन माध्‍यमों से भी ब्रेकिंग न्यूज मिल रही है। पर विचारणीय है कि पत्रकारों के बदलाव लाने से ही समाज में बदलाव नहीं होगा। इसके लि‍ए नेता, अधिकारी और जनता को भी खुद में बदलाव लाना होगा। इस अवसर पर बोलते हुये वक्‍ताओं ने बताया कि आज ही के दिन उदन्त मार्तण्ड नाम से हिंदी का प्रथम समाचार पत्र प्रकाशित हुआ था। इसका प्रकाशन मई, १८२६ ई. में कलकत्ता से एक साप्ताहिक पत्र के रूप में शुरू हुआ था। कलकत्‍ता के कोलू टोला नामक मोहल्ले की ३७ नंबर आमड़तल्ला गली से जुगल किशोर शुक्‍ला ने सन् १८२६ ई. में उदंत मार्तंड नामक एक हिंदी साप्ताहिक पत्र निकालने का आयोजन किया। उस समय अंग्रेजी, फारसी और बांग्ला में तो अनेक पत्र निकल रहे थे किंतु हिंदी में एक भी पत्र नहीं निकलता था। इसलिए उदंत मार्तड का प्रकाशन शुरू किया गया। इसके संपादक भी श्री जुगुलकिशोर सुकुल ही थे। वे मूल रूप से कानपुर के निवासी थे। यह पत्र पुस्तकाकार (१२x८) छपता था और हर मंगलवार को निकलता था। इसके कुल ७९ अंक ही प्रकाशित हो पाए थे कि डेढ़ साल बाद दिसंबर, १८२७ ई को इसका प्रकाशन बंद करना पड़ा।
आईरा के राष्‍ट्रीय संगठन मंत्री योगेन्‍द्र अग्निहोत्री, प्रदेश सचिव अविनाश श्रीवास्‍तव, मण्‍डल वरिष्‍ठ उपाध्‍यक्ष शीलू शुक्‍ला, जिला अध्‍यक्ष आशीष त्रिपाठी, जिला महामंत्री मोहम्‍मद नदीम आदि वक्‍ताओं ने कहा कि आज आईरा जिस तेजी से पत्रकारिता जगत में अपनी जगह बना रहा है उससे कुछ अराजक और असामाजिक तत्‍वों को अपार कष्‍ट हो रहा है और वो लोग आईरा की छवि खराब करने और संगठन की बदनामी करने के लिये कुछ भी करने को तैयार हैं। पर हमारा संगठन किसी भी बाधा से डरने या हार मानने वाला नहीं है। 25 राज्‍यों में 16 हजार रिपोर्टरों के विशाल नेटवर्क वाला आईरा अब कोई छोटा पौधा नहीं रहा जिसे कोई भी उखाड सके, ये अब एक विशाल वट वृक्ष बन गया है। पत्रकारों के हित के लिये आईरा सदैव तत्‍पर रहा है और हमेशा रहेगा। भले ही वो पत्रकार आईरा का सदस्‍य हो या न हो, हम उसकी मदद अवश्‍य करेंगे। 
इस अवसर पर प्रमुख रूप से नीरज तिवारी, विकास अवस्‍थी, दिग्विजय सिंह, निजामुद्दीन इदरीसी, मोहित गुप्‍ता, दीपक शर्मा, सौरभ गुप्‍ता, मोहम्‍मद शरीफ, प्रदीप श्रीवास्‍तव, चांद खान आदि लोग मौजूद थे।

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