मथुरा- कथित सत्याग्रहियों ने खून से लाल किया जवाहर बाग़, नगर पुलिस अधिक्षक और थानाध्यक्ष फरह शहीद, दर्जनों पोलिस कर्मी घायल।

मथुरा। रवि पाल। जवाहर बाग में मथुरा प्रशासन और अवैध कब्जाधारियों के बीच आमने-सामने आज हुई हिंसक झड़प में मथुरा के पुलिस अधिक्षक (नगर) सहित फरह थानाध्यक्ष शहीद हो गए है।  इसके अलावा सिटी मजिस्ट्रेट, सहित  लगभग एक दर्जन पुलिस कर्मियों को भी गोली लगने की लगी है। अपुष्ट खबरों के अनुसार कथित सत्याग्रहियों ने कई पुलिस वालो को बंधक बना लिया है। मौके पर हुई इस हिंसक झड़प का संज्ञान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लेते हुवे तत्काल मौके पर ए. डी.जी. को रवाना कर दिया है। समाचार लिखे जाने तक मौके पर एडीजी सहित पुलिस महानिरीक्षक, उप पुलिस महानिरीक्षक व मंडलायुक्त पहुच चुके है। जवाहर बाग़ का एक हिस्सा खाली हो चूका है, रात के कारण आपरेशन रोक दिया गया है। सुबह आपरेशन पुनः शुरू होगा। दूसरी तरफ से कथित सत्याग्रहियों के नेता रामवृक्ष यादव को भी गोली लगने और उसकी गिरफ्तारी की भी खबर है। 
विदित हो कि मथुरा के सिविल लाइन क्षेत्र स्थित जवाहर बाग में लगभग ढाई साल पहले एक संगठन स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह ने जवाहर बाग़ को 2 दिनों के सत्याग्रह हेतु लिया था। इसके बात ये कथित सत्याग्रहियों ने जवाहर बाग़ पूरा कब्ज़ा कर लिया।
फिर उसके बाद इन कब्जाधारियों को हटाने के लिए प्रशासन और पुलिस लंबे समय से प्रयास कर रहा था। कई बार कब्जाधारियों को नोटिस भी भेजा गया था। इसके बावजूद उन्होंने जमीन खाली नहीं की, बल्कि गाहे-बगाहे पुलिसवालों पर ही हमला करते रहे। कुछ दिनों से इन्हें हटाने के लिए प्रशासन बाहर फोर्स और सेना लगाकर दबाव बना रहा था। उनकी बिजली और पानी की सप्लाई भी काट दी गई थी। इस पर कब्जाधारियों ने हाईकोर्ट में याचिका डाली थी, जिसे हाईकोर्ट ने भी गलत करार दिया था और इन कथित सत्यग्रहित्यो पर ही 50 हज़ार का जुर्माना कर दिया।
इसके बावजूद कब्जाधारी हटने के बजाय पुलिस से आमना-सामना करने पर उतारू थे। इन कब्जाधारियों को हटाने के लिए जनता, उद्यान विभाग के कर्मचारियों और लेखपालों के संगठन ने भी आंदोलन छेड़ रखा था।

थक हारकर गुरुवार शाम करीब 5 बजे को प्रशासन ने जवाहरबाग खाली कराने का ऑपरेशन शुरू कर दिया। सबसे पहले जेसीबी से जज कालोनी की तरफ से दीवार तोड़ी गई। इस पर कब्जाधारियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। उनकी तरफ से गोले भी फेंके गए। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। प्रशासन की ओर से इस बात का ध्यान रखा गया कि कोई घायल न हो। इसी दौरान एक गोली एसओ फरह संतोष कुमार यादव की आंख में जा लगी। वो गंभीर रूप से घायल होकर वहीं गिर पड़े। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनके शहीद होने की सूचना है। अपने साथी की मौत की खबर लगते से गुस्साए पुलिसवालों ने भी जवाबी फायरिंग बढ़ा दी। लाठीचार्ज कर दिया। उनके टेंटों में आग लगा दी गई। पुलिस-प्रशासन का ये रौद्र रूप देख काफी कब्जाधारी भाग निकले। तब तक इलाज के दौरान पुलिस अधिक्षक मुकुल द्विवेदी की भी मौत हो

दूसरी तरफ से कई कब्जाधारियों के भी घायल होने की खबर है। खबर ये भी है कि कुछ सिपाहियों को कब्जाधारी बंधक बनाकर ले गए हैं। रात 8 बजे तक आपरेशन जारी था। आपरेशन के बाद डीएम राजेश कुमार और एसएसपी डा. राकेश सिंह भी मौके पर पहुंच गए थे।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *