आध्यात्मिक जाग्रति से विश्व शांति तक प्रवचन

रामपुर। रविशंकर व ललित। जनपद रामपुर मे दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा जिला परिषद् रोड स्थित शिव मंदिर में मासिक सत्संग का आयोजन किया गया जिसमें श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुरजीता भारती  द्वारा भक्तों के समक्ष आध्यात्मिक विचार रखे। उन्होंने कहा धन से हीन पुरूष दुर्बल नहीं होता है लेकिन चरित्र से हीन पुरूष दुर्बल जरूर होता है सतचरित्र का बीज बोकर जीवन के उद्देश्य की फसल काटी जा सकती है

लेकिन विडंबना ये है कि ये स्थान धन ले चुका है।अपनी प्रचीन संस्कृति का परित्याग कर मानव ने पाश्चात्य भोगवादी संस्कृति का अनुसरण करना शुरू कर दिया है। अगर इस डूबते संसार को बचाना है तो समय रहते अपनी संस्कृति को अपनाना पडे़गा और भोगवादी संस्कृति का परित्याग करना पडेगा।अगर सुन्दर संसार का निर्माण करना है तो अपनी संस्कृति का सम्मान करना होगा।मनु की संतान में आज मानवता का लुलुप्त होता जा रहा है। जब तक संसार में मनुष्य के रोम रोम में आध्यात्मिकता का रक्त प्रवाहित नही होगा तब तक भारत सशक्त राष्ट्र नही वन सकेगा। जैसे ही आध्यात्मिकता से दूर हुआ भारत शक्ति हीन हो जाएगा। अगर भारत को पुनर्जीवित करना है तो आध्यात्मिक उन्नति करनी होगी।
साध्वी ने कहा कि जब तक धर्म प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में प्रकट नहीं हो जाता तब तक संसार में समस्याऐ जन्म लेती रहेगी।
अगर समस्या का समाधान करना है तो मनुष्य के मन की समस्या को जड़ से समाप्त करना होगा जब वृह्म ज्ञान की धारा को सारे संसार में प्रवाहित किया जाएगा तभी संसार में शान्ति और उन्नति के गीत होगें। हर तरफ प्रेम का प्रकाश और पुष्प की वर्षा होगी।तभी हमारा संसार खुशहाल और शान्ति पूर्ण होगा।इन अनमोल वचनो का मनुष्य को अपने जीवन में अनुसरण करना चाहिए।

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