साहेब ऊपर से दबाव है कि मुसलमानों पर न की जाये कार्यवाही- थाना पनकी

 ◆पनकी पुलिस ने बगैर लिखापढी थाने से छोड़ा आरोपी

तथाकथित सपा नेता कर रहे हैं हिस्‍ट्रीशीटर की पैरवी 
थाने से छूटते ही हिस्‍ट्रीशीटर ने वादी को घर जा कर धमकाया 
पुलिस ने एनसीआर लिख पीडि़त को टरकाया 

कानपुर 16 जून 2016 (मनीष गुप्ता). बीती 14 जून को रात लगभग आठ बजे पनकी गंगागंज के हिस्ट्रीशीटर जावेद ने अपने तीन साथियों सोनू बाली, दीपक यादव, पंकज पाल के साथ मिल कर एक स्‍थानीय पत्रकार के भांजे को बुरी तरह मारा-पीटा और उससे 500 रूपये छीन लिये। थाना पनकी की पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा तो पर सत्‍तापक्ष के कुछ नेताओं के दबाव में बगैर लिखापढी छोड़ दिया। छूटते ही आरोपियों ने वादी के घर पर चढ कर वादी व उसके परिजनों के साथ गाली गलौज व धक्‍का मुक्‍की की तथा शिकायत वापस न लेने पर जान से मार देने की धमकी दी।

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार पत्रकार गोपाल गुप्ता के भांजे अंकित गुप्ता पुत्र स्व० सुनील कुमार गुप्ता (उम्र बीस वर्ष) निवासी 15/48 पनकी पावर हाउस कालोनी को राम लीला पार्क के पास गंगागंज कालोनी में हिस्ट्रीशीटर जावेद ने अपने तीन साथियों सोनू बाली, दीपक यादव, पंकज पाल के साथ मिल कर बुरी तरह मारा पीटा जिससे उसे काफी गम्भीर चोटें आई, मामले की शिकायत 15/06/2016 को सुबह 11 बजे थाना पनकी में दर्ज कराई गयी। पनकी पुलिस ने तत्काल कार्यवाही करते हुये हिस्ट्रीशीटर जावेद को शाम 7 बजे पनकी पड़ाव से गिरफ्तार कर लिया। लेकिन उसके गिरफ्तार होते ही कुछ तथाकथित सत्‍ता पक्ष के नेता अपराधी को छुड़ाने का प्रयास करने लगे। थाना पनकी की पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा तो पर सत्‍तापक्ष के कुछ नेताओं के दबाव में बगैर लिखापढी छोड़ दिया। छूटते ही आरोपियों ने वादी के घर पर चढ कर वादी व उसके परिजनों के साथ गाली गलौज व धक्‍का मुक्‍की की तथा शिकायत वापस न लेने पर जान से मार देने की धमकी दी। सूत्रों के अनुसार आरोपी जावेद शातिर अपराधी है और कई संगीन अपराधों में जेल जा चुका है। इसके ऊपर गैंगस्टर की कार्यवाही भी हो चुकी है तथा जिला बदर भी किया जा चुका है। 
ऊपर से दबाव है कि मुसलमानों पर न की जाये कार्यवाही- 
पनकी थाने के सिपाही लुकमान अली ने आरोपी को छोडे जाने का बडा ही अजीब कारण बताया, उसने कहा कि आरोपी चूंकि मुसलमान था और रोजे से था इसलिये उसे छोड दिया गया। लुकमान अली ने ये भी कहा कि पुलिस पर ऊपर से दबाव है कि किसी भी मुसलमान के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही न की जाये। हमारे द्वारा जब उनसे यह पूछ लिया गया क्या रोज़ा सिर्फ भूखे प्यासे रहने का ही नाम है। नब्ज़ का रोज़ा नहीं होता। एक रोज़ेदार कैसे मारपीट कर लिया। जिसने मारपीट की वह फिर रोज़े से कहा हुवा। बस साहेब लुकमान साहेब का दिमाग ही घूम गया, वो अचानक खुद को हकीम लुकमान समझते हुवे अंजाम भुगतने की बात करने लगे। यही नहीं उक्‍त सिपाही ने पत्रकारों के साथ अभद्रता भी की तथा थाने से तत्‍काल निकलने को कहा, न निकलने पर गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी भी दी। शायद लुकमान बाबू भूल गए होंगे अथवा उनको आदेश देने वाले भूल गए है कि हिन्दू या मुस्लमान का जो फर्क वोट के लिए उन्होंने बना रखा है वह फर्क ईश्वर भी नहीं करता। इन धरती के भगवान को शायद याद नहीं कि हिन्दू मुस्लमान बनना बड़ी बात है पहले ढंग से इंसान तो बन जाओ।
पत्रकार के भांजे के साथ मारपीट और पत्रकार से अभद्रता किये जाने की सूचना पाकर आल इण्डियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन (आईरा) से जुडे दर्जनों पत्रकार थाने पहुंच गये और तत्‍काल कार्यवाही की मांग करने लगे। पत्रकारों के दबाव में पुलिस ने मामले को टालने के लिये कसदन हल्‍की धाराओं में घटना की एनसीआर दर्ज कर ली। थाना पुलिस की कार्यप्रणाली से आक्रोशित आईरा से जुडे पत्रकारों ने एसएसपी से शिकायत करने और न्‍याय न मिलने पर मामले को मुख्‍यमंत्री तक ले जाने की बात कही। मौके पर प्रमुख रूप से अविनाश श्रीवास्‍तव, विपिन शुक्‍ला, आशीष त्रिपाठी, पप्‍पू यादव, मोहित गुप्‍ता, महेश प्रताप सिंह, गोपाल गुप्‍ता, महेन्‍द्र यादव आदि पत्रकार मौजूद थे।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *