बलिया-कमाल है प्रधान जी, मनरेगा का काम जेसीबी से करवा रहे है क्या
(अखिलेश सैनी)
बलिया। मनरेगा योजना के तहत मजदूरों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने का प्राविधान है। इसको लेकर तमाम दिशा-निर्देश जारी होता रहता है, लेकिन धरातल पर कुछ और ही हो रहा है। इसकी शिकायत मिलने पर उच्चाधिकारियों ने शनिवार को एपीओ नगरा को जांच के लिए भेजा।
सूत्रों की माने तो जांच में एपीओ को शिकायतें सही मिली है, जिसकी रिपोर्ट वे अभी सौंपे नहीं है। मामला नगरा ब्लाक के ननौरा ग्राम पंचायत से जुड़ा है। उच्चाधिकारियों को शिकायत मिली थी कि उक्त गांव में विकास का वह कार्य जेसीबी से कराया जा रहा है, जिसे मनरेगा मजदूरों से कराया जाना चाहिए। शिकायत के मुताबिक जेसीवी से पोखरे की खुदाई का काम दिन में नहीं, रात में हो रहा है। वह भी जब पूरा गांव सो रहा होता है। इसको कोई जानने न पाये, इसके लिए अगले दिन मजदूरों को लगाकर जेसीबी कार्य के निशान को मिटा दिया जाता है। शनिवार को उच्चाधिकारी के निर्देश पर पहुंचे एपीओ नगरा ने स्थलीय निरीक्षण किया। स्पष्ट रूप से हुए जेसीवी मशीन के कार्य की फोटो भी मोबाइल में कैद की। साथ ही दो चार ग्रामीण से भी इस बावत उन्होंने पूछताछ कर जानकारी ली। अब देखना दिलचस्प होगा कि मनरेगा योजना के उद्देश्यों को विफल बनाने वाले सम्बंधित जिम्मेदारों पर प्रशासन का ऊंट किस करवट बैठता है?
सूत्रों की माने तो जांच में एपीओ को शिकायतें सही मिली है, जिसकी रिपोर्ट वे अभी सौंपे नहीं है। मामला नगरा ब्लाक के ननौरा ग्राम पंचायत से जुड़ा है। उच्चाधिकारियों को शिकायत मिली थी कि उक्त गांव में विकास का वह कार्य जेसीबी से कराया जा रहा है, जिसे मनरेगा मजदूरों से कराया जाना चाहिए। शिकायत के मुताबिक जेसीवी से पोखरे की खुदाई का काम दिन में नहीं, रात में हो रहा है। वह भी जब पूरा गांव सो रहा होता है। इसको कोई जानने न पाये, इसके लिए अगले दिन मजदूरों को लगाकर जेसीबी कार्य के निशान को मिटा दिया जाता है। शनिवार को उच्चाधिकारी के निर्देश पर पहुंचे एपीओ नगरा ने स्थलीय निरीक्षण किया। स्पष्ट रूप से हुए जेसीवी मशीन के कार्य की फोटो भी मोबाइल में कैद की। साथ ही दो चार ग्रामीण से भी इस बावत उन्होंने पूछताछ कर जानकारी ली। अब देखना दिलचस्प होगा कि मनरेगा योजना के उद्देश्यों को विफल बनाने वाले सम्बंधित जिम्मेदारों पर प्रशासन का ऊंट किस करवट बैठता है?