दलितों से ज्यादा हालत खराब है मुस्लिमों की –एएमयू वीसी
शत्रुजीत त्रिपाठी
अलीगढ मुस्लिम विश्व विधालय के वीसी जमीरुद्दीन शाह ने कहा की अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय अभी तक अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान हे,इस का न्यायालय में वाद चल रहा है,विश्व विधालय के अल्पसंख्यक स्वरुप की बहाली हमारे लिए जीवन मृत्यु का सवाल है, और साथ ही कहा इस समय देश में मुस्लिमो की हालत दलितों से बुरी है वहीँ दलित छात्रों का कहना है, कि उनको अमुवि में आरक्षण मिलना चाहिए।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विधालय के वीसी लेफ्ट0ज0 जमीरुद्दीन शाह ने योग दिवस के आयोजन के उपरांत मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल कि आर आर एस का मानना हे, दलितों को अमुवि में आरक्षण मिलना चाहिए के जबाव में कहा कि अलीगढ मुस्लिम विश्व विधालय अभी तक अल्पसंख्यक संस्थान हे,1981अमुवि संसोधन एक्ट में उसमे घोषणा की गयी हे कि अमुवि को मुस्लिमो ने स्थापित किया हे,अमुवि के अल्पसंख्यक स्वरूप का बाद उच्चतम न्यायालय में चल रहा हे,हमे उच्चतम न्यायालय पर पूर्ण विश्वास हे,लेकिन अभी तक अमुवि अल्पसंख्यक संस्थान हे,आरक्षण बहुत जरूरी था,जिनकों आरक्षण मिल रहा हे उन्हें उसकी बहुत जरूरत हे,लेकिन सभी कमीशनों की रिपोर्ट में सामने आया हे कि देश में मुस्लिमो के हालात दलितों से भी खराब हे,क्योंकि उनको तालीम नही मिली हे,अगर अलीगढ मुस्लिम विश्व विद्यालय मुस्लिमो को तालीम दे रहा हे तो इसमें क्या हर्ज हे,अमुवि में दलित आरक्षण लागू नही हुआ हे हमारे लिए सब माफ़ हे,अमुवि के अल्पसंख्यक स्वरूप की लड़ाई हमारे लिये जीवन मृत्यु का सवाल हे।
उच्चतम न्यायालय द्वारा अभी तक तय नही किया गया है, की अमुवि अल्पसंख्यक संस्थान है, इस लिए अमुवि में दलितों के लिये आरक्षण लागू होना चाहिये, जिससे दलित अच्छी शिक्षा प्राप्त करके उभर सकते हे।