शेष भाग 2 कौमी एकता दल और सपा विलय को अखिलेश की हरी झंडी, कहा पार्टी का फैसला सभी को मानना होगा
शेष भाग 2
मो,इसराफिल अंसारी
मो,इसराफिल अंसारी
लखनऊ।मो, इसराफिल अंसारी। बहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की कौमी एकता दल और समाजवादी पार्टी में विलय को लेकर मुलायम सिंह यादव परिवार में मतभेद की आ रही खबरों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि इस मुद्दे को लेकर न कोई मतभेद है और न नाराजगी है। पार्टी का जो फैसला होगा,वह सबकों मान्य होगा। श्री यादव ने मंत्रिमण्डल की बैठक के बाद पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि कौमी एकता दल के सपा में विलय को लेकर परिवार में कोई मतभेद नहीं है।
विलय के बाद माध्यमिक शिक्षामंत्री बलराम यादव को मंत्रिमण्डल से बर्खास्त किये जाने के बाद खबरें आ रही थीं कि विलय को लेकर मुख्यमंत्री, सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से नाराज हैं और इसीलिए बलराम यादव की बर्खास्तगी की गयी है। बलराम यादव ने कौमी एकता दल का सपा में विलय के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। कहा जा रहा था कि मुख्यमंत्री इसी वजह से माध्यमिक शिक्षामंत्री से नाराज थे। उन्होंने कहा कि यह पार्टी के अन्दर का फैसला है। पार्टी जो फैसला ले लेती है उसे सभी को मानना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बलराम यादव के बारे में फैसला लिया जा चुका है अब इस बारे में वह कुछ नहीं बोल सकते। कौमी एकता दल के विलय के दिन मुख्यमंत्री ने जौनपुर में कहा था कि सपा में किसी का विलय नहीं होने जा रहा है और न ही दागियों की सपा में कोई जगह है। कौमी एकता दल का विलय गत 21 जून को सिंचाई मंत्री और प्रदेश प्रभारी शिवपाल सिंह यादव की मौजूदगी में हुआ था। शिवपाल यादव ने स्पष्ट किया था कि मुख्तार अंसारी फिलहाल पार्टी में शामिल नहीं हो रहे हैं। शिवपाल यादव ने दावा किया था कि कौमी एकता दल के विलय से राज्य के पूर्वी इलाकों में सपा का जनाधार बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विलय का निर्णय पार्टी का है। अब इसे सबको मानना ही है। इस बीच विलय समेत अन्य मुद्दों को लेकर पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने 25 जून को पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक बुला ली है। श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश का चुनाव बड़ा है। इसे देश का चुनाव भी कहा जा सकता है। सभी दल अपने-अपने ढंग से जनता का समर्थन मांग रहे हैं। उनकी सरकार ने विकास के बहुत काम किये हैं। विपक्ष के पास कोई कार्यक्रम नहीं है इसलिए बेबुनियाद आरोप लगाये जा रहे हैं। उन्होंने बदायूं में मारे गये दरोगा के परिजनों की मदद करने की भी घोषणा की।