छात्रा से की छेड़खानी, विरोध करने पर की छात्रा की लात घुसो से पिटाई।
कानपुर। रिज़वान अहमद। रोड साइड रोमियो कहे या सड़क छाप शोहदों का दर्जा दे, इस केस में कुछ सही शब्द समझ नहीं आ रहा है। शब्द कोई भी हो मगर रोड साइड रोमियो के दिल दिमाग से प्रशासन का खौफ किस तरह गायब हो गया है इसका जीता जागता उदहारण आज थाना फीलखाना अंतर्गत सेन बालिका इंटर कालेज के गेट पर देखने को मिला जब एक छात्रा ने छेड़छाड़ का विरोध किया तो रोड साइड रोमियो ने वहा मौजूद महिला पुलिस कर्मियो के सामने छात्रा की लात घुसो से पिटाई कर दी।
घटना जो प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़िता ने बताया वह कुछ इस प्रकार है कि आज सुबह 11 बजे के लगभग एक छात्रा नेहा खान (परिवर्तित व काल्पनिक नाम) जो सेन बालिका इंटर कालेज की कक्षा 10 की छात्रा है रोज़ की भाति अपने कालेज पठन पाठन के लिए जा रही थी। अभी वो कालेज के गेट तक ही पहुची थी कि वहा पहले से मौजूद हरबंश मोहाल निवासी सूरज तिवारी उर्फ़ आर्यन ने उसको रोक कर छेड़छाड़ करना शुरू किया और अपने इश्क का प्रस्ताव रखा। हिम्मत इस शोहदे की देखे कि वही गेट पर महिला पुलिस कर्मी मौजूद थी मगर इश्क के भुत को दिमाग में लेकर आवारगी के नशे में चूर इस रोड साइड रोमियो को कोई डर नहीं था। छात्रा ने जब इस छेड़छाड़ का विरोध किया तो आर्यन नामक इस शोहदे का पारा सातवे आसमान पर पहुच गया और उसने छात्रा की लात घुसो से पिटाई शुरू कर दी। इस बीच वहा मौजूद लोगो और महिला कांस्टेबल ने बीच बचाव कर छात्रा को बचाया और शोहदे को पकड़ लिया। महिला पुलिस कर्मी द्वारा डायल 100 पर फ़ोन किया गया। मौके पर पहुची कैंट थाने की पुलिस आरोपी शोहदे को थाने लेकर आई।
पीड़िता के पिता द्वारा लिखित तहरीर देने पर कैंट पुलिस द्वारा मामला थाना फीलखाना का जुड़ा होने की बात कहकर तहरीर देने फील खाने भेज दिया गया है।
समाचार लिखे जाने तक आरोपी थाना कैंट पर ही बैठाया गया है। पीड़ित पक्ष थाना सीमा के चक्रव्यूह में दौड़ता दिखाई दे रहा है। वही सूत्रो की माने तो आरोपी पक्ष पीड़ित पर केस न करने का दबाव बना रहा है। पुरे समीकरण में थाना कैंट की भूमिका टाल मटोल की समझ आती है। क्योकि नियम यह बताते है कि सीमा विवाद की स्थिति में अपराध “ज़ीरो FIR” के तर्ज पर किसी भी थाने में पंजीकृत किया जा सकता है। सीमा विवाद सुलझने पर विवेचना सम्बंधित थाने को स्थानांतरित की जाती है। मगर शायद यह नियम कैंट थानाध्यक्ष द्वारा याद नहीं रखा गया है।