मंत्री बिटिया अनुप्रिया से नाराज माँ कृष्णा पटेल मिलाएंगी नीतीश से हाथ

पीएनएन 24 डेस्क:
अनुप्रिया पटेल के मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद अपना दल में माँ – बेटी के बीच चल रहा झगड़ा अब और बढ़ गया है। बेटी अनुप्रिया पटेल के बीजेपी सरकार में परिवार राज्य कल्याण मंत्री बनने से उनकी माँ और अपना दल की अध्यक्ष कृष्णा पटेल इस कदर नाराज़ हैं, कि उन्होंने मंत्री बिटिया को पटखनी देने के लिए अब बिहार के सीएम नीतीश कुमार से समझौता करने का मन बना लिया है।

यूपी विधानसभा चुनाव के लिए अपना दल और नीतीश की पार्टी जेडीयू के बीच गठबंधन का औपचारिक ऐलान अगस्त महीने में होने की उम्मीद है। दोनो पार्टियां आपस मे मिलकर कांग्रेस से भी तालमेल कर बिहार की तर्ज पर महागठबंधन खड़ा करने की तैयारी मे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अपना दल की अध्यक्ष कृष्णा पटेल और उनकी बड़ी बेटी पल्लवी पटेल की इस बारे मे जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव से फोन पर बातचीत भी हुई है। अगले राउंड मे शरद यादव और नीतीश कुमार के साथ आमने-सामने बातचीत होनी है।

दरअसल नीतीश कुमार से हाथ मिलाकर कृष्णा पटेल एक तीर से कई निशाने साधने की फिराक मे हैं। एक ओर तो वह कुर्मी वोटरों पर ढीली हो रही पकड़ को नीतीश के सहारे फिर से मजबूत करना चाहती हैं तो दूसरी ओर वह मोदी सरकार मे कल ही परिवार राज्य कल्याण मंत्री बनी बागी बिटिया अनुप्रिया पटेल और बीजेपी को करारा सबक भी सिखाना चाहती हैं। कानपुर-इलाहाबाद और बनारस मंडल की सत्तर से अस्सी सीटों पर कुर्मी वोटरों के बीच अपना दल की अच्छी पकड़ मानी जाती है। माँ कृष्णा पटेल और बेटी अनुप्रिया के बीच छिड़ी जंग मे अपना दल फिलहाल दो फाड़ मे हैं। जाहिर है कुर्मी समाज माँ बेटी की इस जंग से खुद पशोपेश मे हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार खुद कुर्मी समुदाय से हैं. वह भी यूपी के उन्ही इलाकों पर ज़्यादा फोकस कर रहे हैं, जहां अब तक अपना दल का अच्छा प्रभाव है।
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने बिहार चुनाव के बाद ही अपना दल को साथ मिलकर यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने का न्यौता दिया था। लेकिन उस वक्त कृष्णा पटेल इसके लिए तैयार नही थी। उन्हें न तो बिटिया अनुप्रिया के इतने ताकतवर होने का अंदाजा था और न ही नीतीश कुमार के सक्रिय होने का। माना जा रहा है कि बदले हालात मे कृष्णा पटेल के सामने यह विकल्प मजबूरी की तरह भी है क्योंकि नीतीश कुमार पूर्वी यूपी मे कौमी एकता दल व डा० अयूब की पीस पार्टी को भी जेडीयू मे विलय का न्यौता दे चुके हैं। ऐसे मे अगर कृष्णा पटेल का नीतीश से समझौता हो जाता है तो ज़्यादातर कुर्मी वोटर अनुप्रिया के साथ जाने के बजाय इन दोनो के साथ ही रह सकते है। ऐसे में अपना दल की कमजोर होती पकड़ का सच भी नही उजागर हो सकेगा और कृष्णा पटेल बिटिया अनुप्रिया के असर को भी कम कर सकती हैं।
जानकारी के मुताबिक कृष्णा पटेल 17 जुलाई को इलाहाबाद के फूलपुर मे होने वाले जेडीयू सम्मेलन मे आने वाली भीड़ का आकलन करना चाहती हैं। इस सम्मेलन के बाद ही दोनों में गठबंधन पर औपचारिक बातचीत होने की उम्मीद है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *