अंजनी राय की कलम से खरी खरी–कही यह भाजपा का डर तो नहीं है।
मऊ :- भाजपा भले कह रही हो कि हम अपने बल पर UP मे सरकार बनायगे लेकिन आज जिस गठबन्धन की घोषणा अमित शाह द्वारा की गई वह गठबंधन तो कोई और कहानी कह रहा है। इस गठबंधन से साफ पता चल रहा है भाजपा को डर है कि हमारी सरकार नही बन पायेगी। अगर डर नही होता तो गठबन्धन का सवाल ही नही होता। कहने वाले तो यहाँ तक कह रहे है कि आज की राजनीति वो बन गई है कि अपनी सरकार बनाने के लिए दागियो को भी साथ मिला लो। जी हां ये मैं नही कह रहा हु इसे भाजपा के लोग खुद 2014 के चुनाव में कहते थे जब कौमी एकता दल और यह सुहलदेव की पार्टी एक साथ मे चुनाव लड़ी थी। उस समय इसको गुंडा वाली पार्टी कह कर संबोधित किया गया था। आज उसी पार्टी से गठबन्धन किये।
सवाल भी उठाना स्वाभाविक है कि भाजपा जब 2014 का चुनाव बिना गठबन्धन किये जीत गई तो 2017 मे गठबन्धन की क्या जरुरत पड़ गई। इससे दो चीज सामने निकल कर आ रही है, एक तो डर कि हम चुनाव नहीं जीत पायेगे या फिर चुनावी वादे पुरे न हुए है इसका अहसास कि कही बिहार की कहानी न दोहरा दी जाय उत्तर प्रदेश में भी।