ये मार्गो के अराजकता फ़ैलाने वाले।

अन्जनी राय।
बलिया। सिर्फ अकेले बलिया जनपद क्या कमो बेस यह समस्या तो हर जगह ही है। मगर खास तौर पर यह एक बड़ी समस्या के तौर ओर अपने जनपद में है। जी हां हम बात कर रहे है टेम्पो, जीप, मैजिक इत्यादि वाहन चालकों की कार्यशीली पर। इसको कार्यशैली के जगह अगर अराजकता का नाम दिया जाय तो गलत नहीं होगा। नगर में इन टेंपो, जीप व मैजिक की अराजकता किसी से छिपी नहीं है। हर चौक-चौराहों से लेकर मुख्य मार्ग तक फैली है अराजकता हर चौक-चौराहों से लेकर मुख्य मार्गों पर इन वाहनों की अराजकता इस कदर व्याप्त है कि सड़क से लगायत फुटपाथ तक इनका कब्जा तो है ही, जाम की सबसे बड़ी वजह भी यही वाहन है।

आरटीओ कार्यालय से जितनी परमिट पूरे जनपद में टेंपो, जीप व मैजिक को दी गई है उससे कहीं ज्यादा वाहन तो केवल नगर व आसपास के मार्गों पर दौड़ रहे हैं। एआरटीओ कार्यालय में पंजीकृत टेंपा की संख्या पर नजर डालें तो मात्र 1739 है और 1596 जीप व मैजिक का रजिस्ट्रेशन हैं। नगर सहित आसपास के मार्गों पर चलने वाले टेंपो, जीप व मैजिक की बात करें तो पंजीकृत वाहनों से दोगुना से भी ज्यादा वाहन सुबह से देर रात तक दौड़ते हैं। इनमें सबसे ज्यादा अराजकता टेंपो चालकों की है। नगर से लगायत ग्रामीण क्षेत्रों के मार्गों पर टेंपो की स्थिति पर नजर डाले तो अनुमानित बलिया से बैरिया मार्ग पर 450, बैरिया से सुखपुरा मार्ग पर 400, बहादुर मार्ग पर 200, बलिया से फेफना मार्ग पर 400 वाहनों का प्रतिदिन संचालन होता हैं।
बिना पंजीकृत चल रहे स्कूली वाहनों पर कब कसेगा शिकंजा
नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित विद्यालयों की दर्जनों स्कूली वाहन बिना पंजीकृत दौड़ रहे हैं। जब हमने आकड़ो के साथ उनसे सवाल किया तो जवाब में एआरटीओ प्रशासन इन वाहनों पर जल्द ही शिकंजा कसने की बात कहे। एआरटीओ प्रवर्तन श्यामलाल की मानें तो इन वाहनों के धरपकड़ के लिए वृहद अभियान चलाने की तैयारी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि स्कूलों में दर्जनों नई वाहनें आई है, लेकिन उनका अब तक एआरटीओ कार्यालय में पंजीकरण नहीं कराया गया है। टेंपो व मैजिक के खिलाफ आयदिन अभियान चलाया जाता है और धरपकड़ की जाती है। माह में औसतन 50 से 60 टेंपो व मैजिक का चालान किया जाता है। इस दौरान बिना परमिट वाहनों को सीज करने की कार्रवाई भी की जाती है।
अधूरा प्रश्न
प्रश्न फिर भी अधूरा रह गया। अगर लगातार कार्यवाही की जाती है तो फिर इतने अधिक अवैध वाहन सड़क और संचालित हो कहा से रहे है। 50-60 के एवरेज से अगर जोड़े तो एक दिन में लगभग 3 मान लेते है। इनसब कार्यवाही के बाद भी ऐसी स्थिति क्यों है इसका जवाब अभी भी नहीं मिल रहा है।

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