शिक्षा के साम्प्रदायिकरण के विरुद्ध जन संगठनो का सयुक्त प्रदर्शन
जयपुर। अब्दुल रज़्ज़ाक। राजस्थान विश्वविधालय के कॉमर्स एव मैनेजमेंट के स्नातकोत्तर पाट्यक्रमो में एक विशेष धर्म के धार्मिक ग्रंथो को शामिल किया जाना देश के धर्मनिरपे क्ष स्वरूप के विरुद्ध हे ।तथा संविधान के धर्म निरपेक्ष ताने बाने को क्षीण करने वाला हे ।ये शब्द आज स्टेच्यू सर्किल पर एक प्रदर्शन के दोरान जन संगठनो के प्रतिनिधियों ने कहे। राजस्थान समग्र सेवा संघ तथा फोरम फॉर डेमोक्रेसी एंड कम्युनल एमिटी ( एफ डी सी ए) के प्रदेशअध्यक्ष् सवाई सिंह ,भारतीय बौद्ध महासभा के प्रदेश अध्यक्ष् टेकचंद राहुल ,जमाअते इस्लामी हिन्द के प्रदेश महासचिव मोहम्मद निजामुद्दीन व् प्रदेश मिडिया सचिव डॉ.मुहम्मद इक़बाल सिद्दीकी ,एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ सिविल राइट्स के प्रदेश अध्यक्ष् पेकर फारुख ,दलित -मुस्लिम एकता मंच के अध्यक्ष् अब्दुल लतीफ़ आर को ,वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इण्डिया के प्रदेश संगठन सचिव हसीन अहमद ,स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन के प्रदेश अध्यक्ष् शाहिद खान ,अनिल गोस्वामी ,बसंत हरियाणा ,आदि के नेतृत्त्व में जयपुर के स्टेच्यू सर्किल पर राज्य सरकार द्वारा राजस्थान विश्व विधालय के उपरोक्त पाठ्यक्रमो में एक धर्म विशेष के धर्म ग्रन्थ शामिल किये जाने के विरुद्ध प्रदर्शन किया गया। सभी धर्मो के ग्रन्थ सामान रूप से शामिल किये जाये। निजामुद्दीन ने कहा की हम किसी भी धर्म या गर्न्थो के विरोधी नहीं हे ।अपितु हमारा विरोध इस बात पर हे ।की किसी एक ही धर्म के ग्रन्थ पाठयक्रम में क्यों शामिल किये गए ।या तो सभी धर्मो के ग्रन्थ सामान रूप से शामिल किये जाए। अन्यथा किसी भी धर्म के नहीं किये जाए।उन्होंने कहा की यदि सरकार ने यह आदेश तुरंत वापस नहीं लिया ।तो संविधान के दायरे में विरोध किया जायेगा ।तथा न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा। भाजपा सरकार जन- हित के मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए इस प्रकार के मुद्दे उछालती रहती हे
सवाई सिंह ने कहा की भाजपा सरकार जन -हित के मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए इस प्रकार के मुद्दे उछालती रहती हे ।और सरकार का यह कदम तो पूर्ण रूप से सांप्रदायिकएन्ड नागरिको के बीच वैमनस्य पेदा करने वाला हे ।टेकचंद राहुल ने कहा की राज्य सरकार का यह कदम पुर्णतः संविधान विरोधी हे ।तथा पाठ्यक्रम में इन गर्न्थो को शामिल करने से विधार्थियो में आपसी वैमनस्य पेदा होगा ।इससे प्रदेश में सांप्रदायिक कटुता बढ़ेगी ।सभी पदाधिकारियों ने उपरोक्त आदेश को तुरंत प्रभाव से वापस लेने की मांग की ।तथा वापस न लेने पर आंदोलन की चेतावनी दी