पलियाकलां (खीरी) दुबारा हुआ पटरी व्यवसायियों का अतिक्रमण।
और व्यापारियों ने अपना कब्जा निर्धारित रूप से वहां जमाये रखा ।प्रशासन के द्वारा उन्हें न हटा पाने से उनका हौसला बुलंद हो गया है जिसके फल स्वरूप वह अपने साथ साथ ग्वारीफटां मे खाली जगह में पटरी दुकानदारो को भी अवैध कब्जा करवाना शुरू कर दिया है क्योंकि पटरी दुकानदारों से उन्हें हर माह अच्छा पैसा मिलता है भारत नेपाल की सीमा ग्वारीफंटा होने के कारण यह जगह तस्करों के लिये बहुत ही फायदेमंद साबित होती है और पटरी दुकानदार अपना व्यापार करते है परंतु तस्कर इनके व्यापार की आड़ मे तस्करी का धंधा चलाते हैं जहाँ छोटी और बड़ी वस्तुओं की तस्करी बहुत ही आराम से हो जाती है जिससे वह अच्छा पैसा पैदा करते हैं । बड़े व्यापारियों को हर माह पटरी दुकानदार से भी अच्छा रुपया मिल जाता है।जिसके लिये वह अपनी अपनी दुकानों के सामने ही फड लगवा लेते हैं । तस्करी को रोकने के लिये पुलिस कस्टम और एसएसबी को तैनात किया गया है परंतु वह भी तस्करी रोकने में असमर्थ ही लग रहे है ।प्रशासन ने सुप्रीम कोट में दुदवा राष्ट्रीय उद्यान में हुए इस अवैध कब्जे को लेकर केस किया था जिसके आदेश पर यह अवैध कब्जे को खाली करने के आदेश दिया गया था परंतु किसी कारण वश कुछ व्यापारियों को नहीं हटाया गया था परंतु वह अब अपने साथ साथ दूसरे पटरी दुकानदारों को भी वहां कब्जा करवाना शुरू कर दिया है । परंतु प्रशासन के साथ साथ वन विभाग भी पूरी तरह से मौन है जिसके कारण उन पर सवालिया निशान खड़े होने लगे है।