पाॅलीथीन खाकर मर रहे वन्य जीव क्या सो रहा है पार्क प्रशासन।

फारूख हुसैन
लखीमपुर( खीरी)   गौरीफटां रिजर्व फारेस्ट के अंदर सीमा के प्रवेश द्वार पर जगह -जगह पड़ी पॉलीथीन वन्य जीवों के लिये घातक साबित हो रहीं हैं जिससे जब तब न जाने कितने जानवर इस जानलेवा घातक पाॅलीथीन से मौत के मुँह  मे जा रहे हैं पर यह सब देखकर भी ऐसा लग रहा है कि पार्क प्रशासन अपनी आंखे बद किये हुए हैं। आपको बताते चले कि इस पाॅलीथीन के खाने से पार्क के वन्य जीवों एवं  मवेशियों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है इस पाॅलीथीन के खाने से दर्जनों बंदर एवं गायों की मौत  हो चुकी है परंतु पार्क प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों  को इससे कोई फर्क नहीं  पड़ रहा है ।
अंतरराष्ट्रीय  प्रवेश द्वार से उत्तर प्रदेश परिवहन निगम व पालिया /लखीमपुर प्राइवेट बस यूनियन की सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक लगभग तीन दर्जन बसे यात्रियों को लाती हैं और ले  जाती है  यात्रियों  द्वारा खान  पान की चीजो मे प्रयोग की जाने वाली पाॅलीथीन , प्लास्टिक की बोतलों मे बिकने वाली पेयपदार्थ को पार्क एरिया मे इधर उधर फेक दिया जाता है जिन्हें भूख से व्याकुल पार्क के वन्य जीव जैसे  बंदर व मवेशी गाये खा जाती हैं।
गत बीते वर्षो में सीमा  का निरक्षण करने आये पूर्व   पार्क उपनिदेशक पी पी सिंह  ने सीमा पर जगह जगह पड़ी हुई पॉलीथीनो को देख कर संबधित अधिकारियों को जम कर लताड़ लगाई थी और पड़ी पॉलीथीनो को एक जगह एकत्र करवा कर  आग कर नष्ट भी करवाया था इसके साथ ही सीमा पर तैनात कस्टम ,पुलिस ,एस एस बी  व चेक पोस्ट  के अधिकारियों  को बुलाकर बताया था की यह आरक्षित  वन क्षेत्र है और पॉलीथीन के प्रयोग  पर पूर्ण प्रतिबंध हैं । सुप्रीम कोर्ट  ने भी पॉलीथीन पर प्रतिबंध लगा दिया है इस लिये आप लोग सीमा के सजग प्रहरी होने के नाते आने जाने वाली जनता को बताते रहे की पॉलीथीन का प्रयोग बहूत गलत है इस आस पास खाने की वस्तुओं को आप लोग पाॅलीथीन में  लेकर आते है और फिर वह पाॅलीथीन अपना भोजन  समझ कर जानवर खाते हैं पर यह जानवरों के पेट मे जाकर नहीं  गलती है और लीवर को डेमेज करती है जिसके चलते जानवरों की मौत हो जाती है ।उसी दौरान उपनिदेशक पी पी सिंह ने रेंज अधिकारी  दीप चंद्र को निर्देश दिया था कि दोनो बसों के चालक परिचालक को अवगत कराये की यहाँ गंदगी न करवाये और न पॉलीथीन फिकवाये   यदि फिर भी न माने तो वन्य  जीव अधिनियमो के तहत मुकदमा दर्ज़ कर कार्यवाही करे ।कुछ दिनों बाद उनका तबादला हो जाने के बाद मौजूदा समय मे दुधवा से लेकर सीमा तक जंगल के अंदर जगह -जगह पॉलीथीन पड़ी देखी जा सकती हैं ।
सीमा से लगी गौरीफंटा  व  बनगवा मंडी बाजार मे प्रतिबंध  के बावजूद भी खुले आम पॉलीथीन का प्रयोग किया जा रहा हैं जिसमें चीनी  गुड़  फल -फूल आदि खाद्यान भर कर ग्राहकों को दिया जाता  है राह चलते उत्पाती बंदर मौका लगते पालीथीनों को फाड़ देते हैं फिर इन्हीं जमीन पर पड़ी हुई  पाॅलीथीन को मवेशी और वन्य  जीव खाते हैं ।सीमा पर इसी समस्या  के चलते एक  नजारा देखने को मिला एक गाय की बछिया का पेट फूल गया और तड़प रही थी जिसे राह चलते लोग देख रहे थे  यह नजारा देख कस्टम के हेड दीवान सुबोध कुमार चौबे  ने फौरन नेपाल से जानवरों के डाॅक्टर बुलवाकर दिखलाया ।डाॅक्टर के मुताबिक बछिया का पेट फूल जाने का कारण  पॉलीथीन ही थापर समय से इलाज होने पर उस बछिया की जान बच गयी पर देर होने पर उसकी  मौत भी हो सकती थी ।इसके पहलें भी कई बंदर और मवेशियों की मौत इसी प्रकार से हो चुकी हैं। परंतु  पार्क प्रशासन ने अभी तक किसी  प्रकार की कोई कार्य वाही नहीं  की है जिससे की बेवजह जा रही जानो को बचाया जा सके ।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *