आखिरकार टूट ही गया दूबे छपरा रिंग बंधा, गांव के लोगों और डीएम, एसपी की मेहनत पर फिरा पानी
- भागो भागो टूट गया बंधा, हर किसी के जुबान से निकला था बस यही वाक्य
- ज़िलाधिकारी और पुलिस अधिक्षक ने दिखाई हिम्मत,नाव से उतर कर पूरा प्रभावित गाँव का किया दौरा
अंजनी राय
बलिया : दुबेछपरा रिंग बंधा टूटते ही हर किसी से जुबान पर निकला भागो -भागो टूट गया बंधा। बंधा टूटने की आशंका तो तीन दिन पहले से ही थी लेकिन क्षेत्र की जनता की साहस व संषर्घ से बंधा बचा रहा। प्रशासनिक व्यवस्था को दरकिनार कर जनता खुद सिर पर बालू से भरी बोरियों को सिर पर उठा कर कटान स्थल पर डाला। प्रशासनिक अमला तो बंधे की दशा व नदी का रुख देख पहले ही लोगों से गांव खाली करने का निर्देश दे दिया था। जनता के हौसले को देख प्रशासन भी दोबारा मैदान में उतरा और उनके साथ कदम से कदम मिला कर चलने लगा लेकिन गंगा मइया को कुछ और ही मंजूर था। बंधा न बचने की उम्मीद के बाद भी ग्रामीण नाव से बालू की बोरिया लाकर कटान स्थल पर डालते रहे।
तीन घंटा पहले ही भाग खङे हुए थे बाढ़ कर्मी
बताया जाता है कि रिंग बंधा टूटने से तीन घंटे पहले ही सिंचाई विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौके से भाग खड़े हुए और रिंग बांध टूटने से पहले ही जिलाधिकारी को रिंग बांध टूट जाने की सूचना दे दी। सिंचाई विभाग के अधिकारियों क इस आचरण से लोगों में जबर्दस्त आक्रोश देखा गया।
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की सारी मेहनत किया बेकार बाढ में सिचाई विभाग की लापरवाही ने
जनपद में 14 अगस्त की रात कार्यभार संभालने वाले जिलाधिकारी गोविंदराजू एनएस की सारी मेहनत अंतत: बाढ़ विभाग की लापरवाही पूर्ण रवैये ऐ व्यर्थ हो ही गई। बंधा टूटने के पहले पूरे जनपद के लोगों के जुबान पर एक ही बात थी कि यदि दूबे छपरा रिंग बंधा अब तक बचा है तो वह सिर्फ जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी की वजह से। डीएम ने एसपी के साथ बंधे के लिए एक सप्ताह पूरे-पूरे दिन गायघाट में कैंप किया। जब 25 अगस्त को सिंचाई विभाग ने हाथ खड़े किए तब भी जिलाधिकारी पूरी रात वहां डटे रहे और ग्रामीणों के सहयोग से बंधा टूटने से बचा लिया। लेकिन शनिवार को दिन में 11 बजे आखिरकार बंधा टूट ही गया।
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने दिखाई दिलेरी, नाव से उतरे गांव में
बंधे की स्थिति को देखते हुए बंधे के नीचे के गांवों को वैसे तो खाली करा दिया गया था बावजूद इसके भी जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक नाव से पानी में उतर यह देखा कि गांव में कोई फंसा तो नहीं है।
राहत कार्य के लगाया गया सेना का हेलिकॉप्टर
बाढ़ पीड़ितों को सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शनिवार को राहत कार्य में सेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली गई। हेलीकॉप्टर से उन गांवों में में राहत सामग्री गिराई गई जो चारो ओर से बाढ़ से घिरे हैं। हेलीकॉप्टर से आठ सौ पैकेट राहत सामग्री बांटी गई। जिलाधिकारी गोविंदराजू एनएस की पहल पर जिले में आया सेना के हेलीकॉप्टर ने दो शिफ्ट में राहत सामग्री वितरित किया।