बच्चों के नाम पर स्कूली वाहनों द्वारा पहिए तले रौंदे जा रहे नियम।

रामपुर। रविशंकर। आजकल यह नजारा आम होता देखा जा रहा है जहां रोज सुबह बच्चे अपने स्कूल जाने के लिए सड़क किनारे खड़े रहते हैं और जब उनको लेने स्कूली वाहन पहुंचते हैं तो बच्चे झटपट वाहनों में घुस जाते हैं कई बार तो वाहनों में कम जगह होने के होने के कारण बच्चों को सवारी गाड़ियों में लटकते हुए देखा जा सकता है जोकि बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है परंतु इस विषय पर ना ही प्रशासन और ना ही वह वाहन चालक ध्यान दे रहे हैं जोकि रोजाना बच्चों को लाने, ले जाने का काम करते हैं यह एक चिंतनीय विषय है जिस पर बच्चों के मां बाप तथा वाहन चालकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए

कि आते जाते बच्चों को किसी प्रकार की असुविधा न हो साथ ही रास्ते में मौजूद पुलिस प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कोई वाहन चालक बच्चों को असुविधाजनक स्थिति में वाहन में चढ़ा कर ना ले जाया जा रहा हो। अब सवाल ये उठता है कि अगर रास्ते में किसी भी बच्चे के साथ कोई दुर्घटना होती है तो उसका जिम्मेदार किसे समझा जाएगा जो माता पिता अपने बच्चे की सुविधा को लेकर आने जाने के लिए स्कूली वाहन लगाते हैं उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनका बच्चा ठीक प्रकार से बैठकर जा पा रहा है या उसे किसी और असुविधा का सामना करना पड़ रहा है बच्चों को भेड़ बकरी जैसे भरकर ले जाने वाले वाहन चालकों पर भी प्रशासन द्वारा कार्यवाही की जानी चाहिए साथ ही रास्ते में मौजूद पुलिस कर्मियों को भी ध्यान रखना चाहिए कि कोई वाहन चालक क्षमता से ज्यादा वाहन को भरकर न ले जाने पाए तथा ऐसे वाहन चालकों को दंडित करने के लिए भी प्रशासन को कोई पहल करनी होगी जिससे कि बच्चों के साथ भविष्य में भी कोई अनहोनी न होने पाए।

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