सिख समुदाय के लोगों ने किया एसपी आवास का घेराव।
रविशंकर/ललित
● चायनीज मांझे से पतंग उडाते बच्चों व युवाओं को हिरासत में लिया गया था जिसके विरोध में किया बच्चों के अभिभावकों ने रोड जाम।
● चायनीज मांझे से पतंग उडाते बच्चों व युवाओं को हिरासत में लिया गया था जिसके विरोध में किया बच्चों के अभिभावकों ने रोड जाम।
रामपुर। पतंगबाजी का शौक पतंग बाजों के लिए सर चढ़कर बोल रहा है जहां प्रशासन चाइनीज़ मांझे को लेकर पूर्ण रुप से बैन लगा रहा है वहीं पतंगबाज प्रशासन को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं।वहीं इस संबंध में आज सिख समुदाय के परिवारों के बच्चों को पुलिस ने चाईनीज़ माँझे से पतंग उड़ाते हुए पकड़ लिया था जिसके बाद सिख समुदाय की महिलाओं ने एसपी आवास पर धरना देकर सड़क जाम कर दी। ऐसा करके तो बच्चों के परिजन बच्चों को समझाने के बजाय उन्हें बढ़ावा दिये जा रहे हैं। चायनीज मांझे का उपयोग रोजाना किसी ना किसी की जान को खतरे में डाल रहा है लेकिन अभिभावक इस संबंध में सोते नजर आ रहे हैं उन्हें खुद चाहिए कि अपने बच्चों को इस तरह के मांझे के उपयोग से रोकें। कल अगर उनके खुद के बच्चे के साथ मांझे की वजह से हादसा होता है तो उसके जिम्मेदार वे स्वयं होंगे। जब प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता तो उसके खिलाफ आवाज उठाई जाती है और आज जब प्रशासन ने इस मामले में कोई ठोस कदम उठाउठाया है तो भी जनता में रोष है।
आज देर शाम ऐसा ही हुआ रामपुर पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी के आवास पर भारी मात्रा में महिला सुरक्षा बल एवं पीएससी के जवानों को बुलाना पड़ा। सिख समुदाय की महिलाओं ने पुलिस अधीक्षक आवास का धेराव किया और कहा कि पुलिस ने किसी प्रकार की सूचना नहीं दी थी बिना पूछे पुलिस उनके घरों में छत पर चढ़कर उनके बच्चों को गिरफ्तार कर थाने ले आई जबकि आए दिन टीवी चैनलों अखबारों के माध्यम से प्रदेश में हो रहे चाइनीज़ माझे से हादसों को लेकर विभिन्न संगठनों के लोग नारेबाजी कर रहे हैं फिर भी सिख समुदाय के लोगों को अपने जिले में हो रहे हादसों का अंदाजा नहीं है। इतनी घटनाओं के होने के बावजूद भी अभिभावक अपने बच्चों को चायनीज मांझे से पतंग उड़ाने से जरा भी मना नहीं कर रहे और उल्टा प्रशासन को ही दोष दे रहे हैं।
आज देर शाम ऐसा ही हुआ रामपुर पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी के आवास पर भारी मात्रा में महिला सुरक्षा बल एवं पीएससी के जवानों को बुलाना पड़ा। सिख समुदाय की महिलाओं ने पुलिस अधीक्षक आवास का धेराव किया और कहा कि पुलिस ने किसी प्रकार की सूचना नहीं दी थी बिना पूछे पुलिस उनके घरों में छत पर चढ़कर उनके बच्चों को गिरफ्तार कर थाने ले आई जबकि आए दिन टीवी चैनलों अखबारों के माध्यम से प्रदेश में हो रहे चाइनीज़ माझे से हादसों को लेकर विभिन्न संगठनों के लोग नारेबाजी कर रहे हैं फिर भी सिख समुदाय के लोगों को अपने जिले में हो रहे हादसों का अंदाजा नहीं है। इतनी घटनाओं के होने के बावजूद भी अभिभावक अपने बच्चों को चायनीज मांझे से पतंग उड़ाने से जरा भी मना नहीं कर रहे और उल्टा प्रशासन को ही दोष दे रहे हैं।