अब सर फूटें या हाथ-पैर टूटे मजबूरी है साहब जाना तो पड़ेगा
मोहम्मद शरीफ
कानपुर. जिधर जाओ उधर, हर तरफ़ सड़क खुदी पड़ी है। किसी को हॉस्पिटल जाना है तो किसी को ट्रेन पकडनी है अब ऐसे ज़रूरी काम के लिये घर से निकले है तो अब चाहे सर फूटें या हाथ-पैर टूटे साहब जाना तो पड़ेगा। ये हर आम यात्री का दर्द भरी आवाज है। “छाँवनी व्यापार मण्डल”” के नेतृत्व में कानपुर के टाटमील चौराहे पर विशाल धरना-प्रदर्शन किया गया जिसमें पीoडब्लूoडीo मुर्दाबाद के नारे लगाये गये प्रदर्शनकारियों कि माँग है कि सड़क ठीक करो। जल्द से जल्द यात्रा सुखद करो।
सड़क पर गड्ढे हो गयें है गिट्टी बाहर आ गयीं है दो पहिया वाहन चालकॊ कॊ रोजाना ख़तरों का सामना करना पड़ता है। रेलवे स्टेशन व झकरकटी रोडवेज़ का मुख्य मार्ग है इसलिए ये विशाल जानलेवा सड़क का जल्दी निर्माण होना अतिआवश्यक है। धरना-प्रदर्शन में मुख्य रुप से आलोक बाजपेई, ज्ञानेन्द्र मिश्रा, खालिद भाई इत्यादि लोग शामिल हुवे