शादी के 13 साल बाद मन्नतो से पैदा हुई बेटी का मुंडन भी न देख पाया यह शहीद

पठानकोटः जम्मू के उड़ी सैक्टर में सेना के बैस कैंप पर आतंकी हमले में शहीद हुए 18 सैनिकों की चिताएं ठंडी नहीं हुई कि एक और लाल शहीद हो गया। जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के नौगाम क्षेत्र में घुसपैठ कर रहे आतंकियों से हुई मुठभेड़ में सेना की 20 डोगरा यूनिट के हवलदार मदन लाल शर्मा भी शहीद हो गए। अाज उन्हें सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। मदन लाल शर्मा का शव जैसे ही उनके पैतृक गांव घरोटा पहुंचा पूरा वातावरण भारत माता की जय के नारों से गूंज उठा। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए उमड़े लोगों ने नम आंखों से शहीद को अंतिम श्रद्धांजलि दी। पार्थिव शरीर को कुछ देर उनके घर पर रखा गया और इसके बाद उसे अंत्येष्टि के लिए ले जाया गया। शहीद की पूरे सैन्य सम्मान से अंत्येष्टि की गई।
शहीद होने से पहले पत्नी ने फोन पर कहा था कि शादी के 13 साल बाद घर में बेटी पैदा हुई और काफी मन्नतों के बाद बेटी ने जन्म लिया। नवरात्र में बेटी के मुंडन का मुहूर्त निकला था तो उसने  घर आने को कहा लेकिन मदन लाल ने कहा कि जनवरी से पहले वह नहीं आ सकता। जिस जगह उनकी ड्यूटी है वहां माहौल बहुत तनावपूर्ण है और  मेरे लिए ड्यूटी सबसे पहले है बेटी बाद में।

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