शरारती और साम्प्रदायिक तत्वों को दी गंगा-जमुनी तहज़ीब ने मात, शहर की फ़िज़ा बिगड़ने से बचाया आपसी प्रेम ने।
समीर मिश्रा/मनीष गुप्ता।
कानपुर। कानपुर के कैन्ट थानाक्षेत्र स्थित गोलाघाट नये गंगा पुल के पास कुछ शरारती तत्वों ने आज शहर की फ़िज़ा बिगाड़ने का एक नाकामयाब गन्दा प्रयास किया परंतु शहर की गंगा-जमुनी सभ्यता ने इन फिरकापरस्त ताकतों का आपसी सौहार्द से मुह तोड़ जवाब दिया।
घटना कुछ इस प्रकार है कि गोलाघाट नए पुल के पास एक दरगाह है जहा हिन्दू-मुस्लमान दोनों अकीदत और श्रद्धा से अपना सर झुकाते है, आज उस दरगाह की एक मज़ार को कुछ शरारती तत्वों ने शहर की अमन और सुकून भरी फ़िज़ा को बिगाड़ने के लिए तोड़ फोड़ की। इसकी सूचना जंगल में आग की तरह क्षेत्र में फ़ैल गई और क्षेत्रिय आम नागरिक दरगाह पर इकठ्ठा हो गए। सुचना पर क्षेत्राधिकारी सहित कई शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुच गए। शरारती तत्व अपनी इस नापाक हरकत से मुस्कुरा रहे होंगे मगर क्षेत्रिय जनता में मुसलमानों के साथ साथ हिन्दू संप्रदाय ने भी इस घटना की घोर निंदा की और अमन चैन बनाये रखा।
इस दौरान दोनों संप्रदाय को आपस में लड़ाने के उद्देश्य से शरारती तत्वों ने अफवाह भी फ़ैलाने का प्रयास किया मगर दोनों समुदाय के लोग आपस में कंधे अब कन्धा मिलाकर खड़े रहे और इस घटना की निंदा की तथा शहर की फ़िज़ा को बिगड़ने से बचा कर शहर का अमन और सुकून कायम रखा। दोनों ही संप्रदायों की इस आपसी सूझ बूझ और एक दूसरे के लिए सम्मान व मोहब्बत के कारण शहर की फ़िज़ा बिगड़ने से बच गई।स्थिति सामान्य होने के बावजूद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रखते हुवे घटना की जाँच में जुट गई है। समाचार लिखे जाने तक इस संबंध में किसी गिरफ़्तारी की सूचना नहीं थी।
पत्रकारों ने भी दिखाया समझदारी-
इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुवे पत्रकारों ने भी समझदारी का परिचय देते हुवे इसकी सूचना को अन्यंत्र स्थानांतरित नहीं किया। सभी ने इस शांति व्यवस्था को कायम रखने का प्रयास किया। यही नहीं सोशल मीडिया पर भी इसकी सूचना कही नहीं प्रदान की गई और शहर की फ़िज़ा को बिगाड़ने से बचाया गया।