साहब बतायें 4500/मे कैसे होगा गुजारा
राजेंद्र कुमार गुप्त
वाराणसी-उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन के हर खण्डों पर कार्यरत ठेका संविदा कर्मियो ने जिला प्रशासन से अपनी गुहार लगायी और पूछा है कि 4500 रूपये पाने वाले हम ठेका संविदा कर्मिया को इतने पगार मे कैसे काम चलेगा कैसे हमारा परिवार चलेगा कैसे हमारे बच्चे पढ़ेंगे क्या हमारा भविष्य होगा त्योहारो पर भी लिया जाता है काम,साप्ताहिक छुटृटी की भी कोंई गारन्टी नही,प्रात; नौ बजे से सायं पांच बजे तक लिया जाता है काम,आवाज उठाने पर निकालने की दी जाती है धमकी।यह दुखड़ा पाण्डेपुर स्थित एक चाय की दुकान पर कुछ संविदा कर्मियो ने मीडिया कर्मी को सुनाया। यह शोषण और कोई नही बल्कि चेन्नई की एक कम्पनी द्वारा किया जा रहा है। मोदी के संसदीय क्षेत्र मे शोषण कर करोडा़े का घोटाला कर रही इस कम्पनी की ओर किसी का निगाह नही है इसकी जानकारी ना तो केन्द्र की सरकार को है ना ही सूबे की सरकार को है। वाराणसी जनपद मे कई ऐसे विभाग हे जहां नीजी कम्पनियां संविदा ठेका पर कर्मचारियो को रखकर उनका बदस्तूर शोषण कर रही हैं। इस शोषण मे पावर कारपोरेशन के गार्ड,कम्प्यूटर ऑपरेटर,मीटर रीडर के कर्मी शामिल है, कहने को तो कम्प्यूटर ऑपरेटर है पर इनकी पगार असप सुनेंगे तो दांतो तले उंगलियां दबायेंगे इन्हे मात्र 4500रूपया दिया जाता है इतना पाने के लिए कुछ सुविधा शुल्क भी देना पड़ता है जो शायद एक सप्ताह का खर्चा है डृयूटी करने के आने का समय है जाने का कोई समय नही है। अचम्भे की बात तो यह है पांच वर्षो से कार्य करने वाले इन कर्मचारियो का कही रजिस्टर मे नाम नही है ठेका आधर पर कार्य करवाने वाली इस कम्पनी कमे अधीन जनपद मे कुल 800से 900 कर्मचारी कार्यरत हैंसभी इसी शोषण के शिकार हैं जबकि सूबे के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने सभी श्रमिको का न्यूनतम वेतन 7200 रूपया माहवारी तय कर दिया है इससे कम वेतन देने वाला श्रम अध्यादेश का अपराधी है।