सबसे बड़ी सियासी उठा पटक, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यंत्री ने 43 विधायकों सहित थामा पीपीए का दामन
अरुणाचल प्रदेश के सियासी हालात जटिल हो गये हैं। यहां सबसे बड़ी सियासी उठापटक सामने आई है। यहां सीएम पेमा खांडू समेत कांग्रेस के 43 विधायक पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश (PPA) में शामिल हो गए हैं। इससे अरुणाचल में एक बार फिर कांग्रेस सरकार मुश्किल में पड़ गई है। जुलाई में ही नबाम तुकी को मुख्यमंत्री पद से हटाकर खांडू को विधायक दल का नेता चुना गया था। नवाम तुकी को छोड़ सभी कॉंग्रेस विधायक ने बागावत कर दी है।
अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के 46 में से 43 विधायकों ने पीपीए का दामन थामा है।इस राजनैतिक घटनाक्रम के बाद एक बार फिर से कांग्रेस पर संकट खड़ा हो गया है।बागियों में अरुणाचल के वर्तमान में राज्य के सीएम पेमा खांडू भी हैं।खांडू ने कहा, ‘मैंने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात करके उन्हें यह सूचना दी है।उन्होंने कहा कि हमने राज्य में कांग्रेस का पीपीए में विलय कर दिया है।मालूम हो कि राज्य में कांग्रेस के 46 विधायक हैं जिनमें से 43 पीपीए में शामिल हो गए हैं।पीपीए का गठन 1979 में हुआ था। यह 10 क्षेत्रीय दलों के नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस का हिस्सा रहा है।इस एलांयस का गठन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मई 2016 में किया था।वर्तमान में असम में बीजेपी के नेताहेमंता विश्व सरमा इसके प्रमुख हैं।
कौन हैं पेमा खांडू?
दिल्ली के हिंदू कॉलेज से पढ़े 36 साल के पेमा अरुणाचल के पूर्व सीएम दोरजी खांडू के बेटे हैं।पूर्व सीएम दोरजी खांडू की मौत हेलिकॉप्टर क्रैश में हुई थी। पिता की मौत के बाद 2011 में उन्होंने पिता की सीट से चुनाव जीता और पहली बार विधायक बने। पेमा 2014 से नबाम तुकी सरकार में टूरिज्म एंड वाटर रिसोर्स मिनिस्टरी संभाल रहे थे। इस साल जुलाई में ही उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था। खांडू उन 30 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने तुकी सरकार के खिलाफ बगावत की थी।