हे भगवान! शुरू हो गया मौत का तांडव, एक बार फिर से छाई ग्राम वासियों में दहशत,क्या एक और आदमखोर या फिर
परंतु शाम होने पर भी जब वह वापस लौट कर नहीं आया तो परिवार वालों को चिंता हुई इसलिए वह उनको देखने के लिए खेत पर गये पर वह उनको खेत पर नही मिले तभी किसी जानवर के गुर्राने की आवाज सुनकर वह पड़ोस के ही अवतार सिंह के खेत पर पहुँचे तो देखकर सन्न रह गये एक बाघ भिखारी लाल की लाश के पास बैठकर बड़े मजे से उसका खून पी रहा है यह देखकर उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया उनकी आवाज सुनकर आस पड़ोस के गाँव वाले वहाँ आ गये और बहुत ही मुश्किल से गन्ने में ट्रैक्टर ले जाकर उस बाघ से भिखारी लाल के शव को छुड़वा पायेगरदन पर बाघ की पकड़ने के निशान थे। जाहिर था कि उसे उस बाघ ने ही मारा है । इस घटना ने सब को झकझोर कर रख दिया। किसी की कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि यह सब हो क्या रहा है जब आदमखोर बाघिन पकड़ ली गयी थी तो फिर अब कैसे मौत का सिलसिला शुरू हो गया क्या एक और आदमखोर आ गया या फिर जो पकड़ा गया वह आदमखोर नहीं था। बस यही सवाल ग्राम वासियों को परेशान कर रहें हैं। आदमखोर बाघिन के पकड़ने के बाद भी लगातार बाघ का देखा जाना और उनके पालतू जानवरों पर हमला एक और बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा था क्योंकि एक युवा बाघ या फिर बाघिन बारह घंटे में दस किलोमीटर तक चलती है इसका मतलब आज यहां और कल वहाँ। इस कारण ग्रामवासियों के कई बार वन विभाग को इस बात की जानकारी दी थी पर उन्होंने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया ।वह आये भी पल सिर्फ दिखावे में। जिसके कारण आखिर बाघ ने एक को अपना निवाला बना ही लिया। इससे पहले भी आदमखोर बाघिन ने पाँच ग्राम वासियो को अपना निवाला बनाया था। फिलहाल मौके पर वन अधिकारी उप जिलाधिकारी शादाब असलम स्थानीय पुलिस ओर पलिया पुलिस ने पहुँचकर शव को कब्जे में ले लिया है ।