रामपुर में एक और बलात्कार, पुलिस अधिक्षक रामपुर- साहेब आपके अधिनास्तो कि क्या ये बड़ी गलती नहीं है.

पुलिस अधिक्षक रामपुर से एक प्रश्न 

रवि शंकर/रामपुर
रामपुर में अभी 10 साल की मासूम से बलात्कार कर हत्या कर देने के मामले की आग बुझी भी ना थी कि 48 घंटे के भीतर ही हवस के इन भूखें भेडियों ने अब एक और नाबालिग की असमत को तार तार कर इंसानियत को शर्मसार कर डाला है। रामपुर मे एक और बलात्कार 2 व्यक्तियो ने किया 14 साल की नाबालिग लड़की से बलात्कार,  रामपुर के थाना अजीमनगर क्षेत्र की घटना, 48 घंटे में बलात्कार का दूसरा मामला।
रामपुर के थाना अजीमनगर क्षेत्र में एक 14 साल की नाबालिग को उसके ही गांव के दो व्यक्तियों ने उस समय अपनी हवस का शिकार बनाया जब वह अपने पिता की दुकान पर खाना पहुंचाने जा रही थी। फिलहाल पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर एक आरोपी के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कर लिया है। पीडिता के पिता के मुताबिक गांव से कुछ ही दूरी पर उसकी एक दुकान है । वह अपनी दुकान पर था जब उसकी नाबालिग बेटी घर से उसके लिए खाना लेकर आ रही थी तभी रास्ते पर खड़े एक ट्रक में पहले से बैठे गांव के दो व्यक्तियों ने उसके अकेले पन का फायदा उठाते हुए उसे अपनी हवस का शिकार बना  उसकी असमत को तार तार कर डाला। पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी के मुताबिक  थाना अजीमनगर क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की के साथ उसके ही गांव के एक व्यक्ति ने बलात्कार की घटना को अंजाम दिया है।पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर एक आरोपी के विरुद्ध बलात्कार का मुकद्दमा दर्ज कर लिया है। आरोपी की तलाश जारी है।
आखिर कब तक यह सिलसिला चलता रहेगा क्या कोई ऐसा नियम कानून है जो इन वहशी दरिंदों को इनकी सजा दिला पाएगा और मासूमों को इनकी दरिंदगी का शिकार होने से बचा पाएगा। क्या सरकार इन बलात्कारियों के लिए कोई सख्त कानून बनाएगी जिससे इन दरिंदों को किसी मासूम की जिंदगी बर्बाद करने से रोका जा सकेगा क्या इस जघन्य पाप के लिए अपराधियों को मौत की सजा देनी चाहिए ऐसा कहना गलत नहीं होगा क्योंकि यह अपराधी जिन मासूमों की जिंदगी बर्बाद करते हैं उनके लिए जिंदगी मौत से कम नहीं होती। बहुत से देशों में ऐसा कानून है जहां बलात्कारियों के लिए मौत की सजा मुकर्रर की जाती है इसलिए क्या हमारे देश में भी इस जघन्य पाप की सजा मौत करार कर देनी चाहिए। और ऐसा करके सरकार शायद कुछ मासूमों की आबरू बचाने में कामयाब रहें​।
संपादक का एक प्रश्न पुलिस अधिक्षक रामपुर से 
पुलिस अधिक्षक महोदय रामपुर मैं मानता हु कि इस तरह कि घटनाओ को रोकना शासन-प्रशासन किसी के बस का नहीं है, दुनिया का कोई भी कानून इस प्रकार के घटना को नहीं रोक सकता है, इस प्रकार कि घटनाये केवल और केवल संस्कार के द्वारा ही रुक सकती है. जब तक हम अपने बच्चो को ऐसा संस्कार नहीं देंगे कि वो हर लड़की में अपनी माँ अपनी बहन अपनी बेटी का रूप देखे तब तक ऐसी घटनाये रुक नहीं सकती. मगर साहेब जो घटना आपके अधिनस्त कर बैठे है उसका क्या…? माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी भी रेप पीडिता कि पहचान सार्वजनिक नहीं कि जा सकती है. इसी कारण से जब भी किसी थाना क्षेत्र में ऐसी घिनौनी करतूत होती है तो पुलिस कर्मी स्वविवेक से पीडिता को थाना परिसर से ही मुह पर ढाटा बंधवा कर ले जाते है. मगर आपके शहर कि पुलिस शायद इस नियम से अनभिज्ञ है. महिला पुलिस कर्मियों के साथ आई मेडिकल के लिए पीडिता का चेहरा महिला पुलिस कर्मियों द्वारा ढकने का प्रयास भी नहीं किया गया. मेडिकल करवाकर आपकी पुलिस ऐसे ही खुले चेहरे के साथ वाहन तक पीडिता को लेकर आई. कई कैमरे चमक रहे थे. मगर साथ आई महिला कांस्टेबल को यह होश नहीं था कि वह पीडिता का चेहरा ढकवा दे. अंततः बाईट हेतु पत्रकारों ने स्वयं रेप पीडिता से चेहरा ढकने को कहा. तब जाकर महिला कांस्टेबल के ध्यान में यह बात आई.
साहेब गलती छोटी हो या बड़ी गलती हमेशा गलती होती है. इस गलती को आप मानवीय चुक कि श्रेणी में रख कर मामले को ख़त्म भी कर सकते है. मगर साहेब हकीकत क्या है ये आप भी समझ रहे है और हम भी. वो विडियो हमारे पास भी उपलब्ध है.मैं जानता हु साहेब कि मेरे संवाददाता द्वारा भेजा समाचार मात्र इसके ऊपर तक का ही है. बस साहेब क्या बताऊ कलम है कि सच लिखने से मानती ही नहीं. 

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