छावनी विधायक और सभासद की उदासीनता की वजह से महिलाये खुले में शौच करने पर मजबूर

कानपुर 20 सितम्बर 2016(मो0 नदीम) राजेन्द्र केसरवानी दिगविजय सिंह
आये दिन महिलाओ पर हो रहे अत्याचार और हिंसक वारदातो के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए सरकार ने महिलाओ की सुरक्षा को लेकर कई ठोस कदम उठाये है इसी क्रम को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक योजना के तहत गाँवो और शहरो में घर घर शौचालय बनाने की मुहिम चलाकर समाज को एक नई दिशा देने की कोशिश की है लेकिन सरकार की इस कोशिश पर कुछ लापरवाह अधिकारी और नेता पलीता लगाने का काम कर रहे

मामला है छावनी विधानसभा के अंतर्गत मीरपुर कैण्ट वार्ड न0 6 के सुलभ न0 35 का जहा करीब तीन सौ घरो में आज भी शौचालय की व्यवस्था नहीं है जिसकी वजह से महिलाये खुले मैदानों में या पास के सुलभ में शौच क्रिया के लिए मजबूर है करीब छै महीने पहले सुलभ को ये कहकर बंद कर दिया गया कि इसका फिर से निर्माण कराया जायेगा ये सुनकर सभी महिआओ की जैसे साँसे ही रुक गई बेचारी मरती क्या ना करती धीरे धीरे वक़्त का इंतज़ार करने लगी परन्तु आज छै महीने बीतने को आये है पर सुलभ का निर्माण कार्य जियो का त्यों पड़ा हुआ है और महिलाओ को खुले में शौच के लिए मजबूर होना पड़ रहा है 

महिलाओ ने अपनी समस्या को लेकर कई बार क्षेत्रीय सभासद निहाल चंद्र गुप्ता को भी अवगत कराया परंतु  समस्या का निवारण होना तो दूर की बात सभासद महोदय के दर्शन ही हो जाते तो मन को शांति ही मिल जाती बेचारे सभासद महोदय फोन तो उठा नहीं पाते है तो समस्या का समाधान कैसे कर पाते शायद उम्र जो आड़े आ रही है इसके अलावा बी0जे0पी0 से छावनी विधायक रघु नंदन भदौरिया जिन्हें देखे हुए जनता को जमाना हो गया है उनको भी महिलाओ की समस्या से अवगत कराने की कोशिश की गई लेकिन विधायक जी मस्त है अपनी धुन में काहे सुने जनता की फ़रियाद बीतने दो पाँच साल फिर करेंगे याद ऐसा लोगो का कहना है

इस मामले में जब हमने खाना पूरी के तहत सुलभ में कार्य कर रहे मजदुर से पूछा कि सुलभ का कार्य क्यों रुका हुआ है उसका कहना है कि छावनी बोर्ड के अधिकारियो ने अभी तक सुलभ निर्माण का पैसा नही पास किया है इसलिए ठेकेदार ने काम रोका हुआ है इस मामले को लेकर जब हमने ठेकेदार बात की तो उसने सप्ताह भर में सुलभ का निर्माण कराने का वादा किया था पर सप्ताह को बीते हुए आज पंद्रह दिन बीत चुके है मामला जस का तस है इस प्रकरण को लेकर कई बार हमने छावनी बोर्ड के कई अधिकारियो से भी बात करनी चाही लेकिन बोर्ड के लापरवाह अधिकारियो ने फोन काट-काट दिया इससे साफ़ पता चलता है कि छावनी बोर्ड के अधिकारी अपने कार्य में कितने गैर ज़िम्मेदार है ऐसा लगता है अपना सारा कार्य भार सभासदों और ठेकेदारो के कंधो पर डाल रखा है 

बहरहाल छावनी विधायक सभासद और बोर्ड अधिकारियो के उदासीन रवय्ये की वजह से महिलाओ को खुले में शौच करने से जो लज्जा का सामना करना पड़ रहा है अगर इस विकट समस्या का जल्द ही हल नही निकाला गया तो महिलाये कोई भी कठोर कदम उठाने पर मजबूर हो जायेगी जिसका पूरा खामियाज़ा सरकार को भरना पड़ सकता है 
ये एकदम कटू सत्य है कि सरकार अगर कुछ अच्छा करना चाहती भी है तो उसके कारिंदे उस कार्य पर पलीता लगाने से बाज़ नहीं आते है

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