बहराइच की खबरे, नूर आलम वारसी के साथ,

जल प्लावित भूमि पर तालाब निर्माण के लिए आवेदन आमंत्रित

बहराइच : जनपद के जल प्लावित क्षेत्रों में मत्स्य पालन विविधीकरण योजना अन्तर्गत लाभार्थियों का चयन किया जायेगा। जल प्लावित भूमि (ऐसी भूमि जो जल भराव, जल रिसाव, जल जमाव से प्रभावित है) और कृषि व बागवानी योग्य नहीं है, के स्वामित्व वाले सभी श्रेणी के लाभार्थी योजना में चयन के लिए पात्र होंगे, किन्तु अनुसूचित जाति/जनजाति, सीमान्त एवं लघु कृषकों तथा डा. राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम के निजी भूमि एवं ग्राम समाज के तालाबों के पट्टेधारकों को वरीयता प्रदान की जायेगी। योजना के लिए दस वर्षीय मत्स्य पालन के पट्टेधारक भी आवेदन कर सकते हैं।

यह जानकारी देते हुए सहायक निदेशक मत्स्य ने बताया कि वर्ष 2016-2017 के लिए 09 हेक्टेयर का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। एक लाभार्थी के लिए 0.200 से 5.00 हेक्टेयर तक जल प्लावित भूमि का चयन किया जा सकता है। योजना की इकाई लागत 1.25 लाख प्रति हे. की दर से निर्धारित है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 90 प्रतिशत तथा अन्य श्रेणी के लाभार्थियों के लिए 80 प्रतिशत अनुदान होगा शेष धनराशि लाभार्थी अंश होगा। योजनान्तर्गत तालाब का निर्माण लाभार्थी द्वारा किया जायेगा और योजना का अनुदान सम्बन्धित को दो किश्तों में आर.टी.जी.एस. के माध्यम से कार्य को देखते हुए किया जायेगा।
सहायक निदेशक मत्स्य ने बताया कि जल प्लावित भूमि पर तालाब निर्माण कर मत्स्य पालन कार्य करने के इच्छुक आवेदक जल प्लावित भूमि की फोटों, खसरा, खतौनी, शपथ पत्र एवं स्वयं की फोटो के साथ सहायक निदेशक मत्स्य, बहराइच के कार्यालय में 15 दिवस के भीतर अपने आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं।
सुरक्षण बैठक 24 सितम्बर को 

बहराइच : जिला गन्ना अधिकारी राम किशन ने बताया कि 24 सितम्बर 2016 को उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान, डालीबाग लखनऊ में प्रातः 10:00 बजे से पेराई सत्र 2016-17 के लिये सुरक्षण बैठक आयोजित की गयी है। श्री किशन ने सभी सम्बन्धित से सुरक्षण बैठक में समय से प्रतिभाग करने की अपेक्षा की गयी है। 
बैराजों पर नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से नीचे 

बहराइच : नदियों के जल स्तर के सम्बन्ध में प्रातः 08:00 बजे की स्थिति के अनुसार प्राप्त गेज रिपोर्ट की जानकारी देते हुए अपर जिलाधिकारी विद्या शंकर सिंह ने बताया कि गेज स्थल गोपिया बैराज (सरयू) का डिस्चार्ज 495 क्यूसेक जबकि जल स्तर खतरे के निशान 133.50 के सापेक्ष 130.00, शारदा बैराज (शारदा) का डिस्चार्ज 8580 क्यूसेक जबकि जल स्तर खतरे के निशान 135.49 के मुकाबले 133.70, गिरजा बैराज (घाघरा) का डिस्चार्ज 40535 क्यूसेक जबकि जल स्तर खतरे के निशान 136.80 के सापेक्ष 133.75 दर्ज किया गया।
जारी रिपोर्ट के अनुसार एल्गिन ब्रिज पर घाघरा का जल स्तर खतरे के निशान 106.07 के मुकाबले 105.246 तथा घूर देवी पर घाघरा का जल स्तर खतरे के निशान 112.135 के मुकाबले 110.600 दर्ज किया गया है। कुल प्रभावित कृषि क्षेत्रफल 4582 हे. में कृषि योग्य भूमि 3930 हे. एवं बोया गया क्षेत्रफल 1632 हे. है। बाढ़ के कारण 02 तहसीलों के 06 ग्रामों की 6200 की जनसंख्या तथा 700 पशु प्रभावित हुए है। जबकि 11.611 हेक्टेयर क्षेत्रफल कटान से प्रभावित हुआ है। बाढ़ के कारण पूर्णतया क्षतिग्रस्त पक्के मकानों की संख्या 16, कच्चे मकानों की संख्या 54 तथा क्षतिग्रस्त झोपड़ियों की संख्या 189 है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक 1269 नावें व 02 मोटर बोट उपयोग में लायी गयी हैं तथा 11 बाढ़ चैकिया व 01-01 लंगर व राहत वितरण केन्द्र भी संचालित किया जा रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में 02 मेडिकल टीम गठित कर अब तक 9552 लोगों का उपचार किया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 01 प्लाटून फ्लड पीएसी भी तैनात की गयी है। इसके साथ ही 57191 क्लोरिन की टैबलेट, 4870 ओआरएस के पैकेट, 4890 पैकेट लाई चना, 6410 लंच पैकेट, 4028 मीटर त्रिपाल, आटा 06 कुण्टल, चावल 02 कुण्टल, माचिस 300 पैकेट एवं 4.5 कु. गुड के वितरण के साथ-साथ 458 पशुओं का उपचार तथा 141376 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के लिए 30 कुन्टल भूसे का वितरण भी किया गया है। 
नूर आलम वारसी 

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