हाल-ए-थाना बादशाहीनाक, जबरा मारे रोवे भी न दे

रोशनी चौरसिया।
कानपुर। बड़े बुजुर्गों ने कहा है कि समरथ को नहीं दोष गुसाईं इसी को कहा गया है कि जबरा मारे, तो रोवे भी न दे इन दोनों कहावतों को एक प्रकरण में थाना बादशाहीनाका ने चरितार्थ कर रखा है। पीड़ित उच्चाधिकारियों के दरवाज़े खटखटाने को मजबूर होना पड़ा। वही पीड़ित का आरोप है कि मारपीट की घटना होने की शिकायत के बावजूद आरोपी पीड़ित को लगातार धमकियां दे रहा है और दूसरी तरफ स्थानीय थाना उसकी किसी प्रकार की सहायता नहीं कर रहा है।
घटना के संबंध में पीड़ित नरसिंह तिवारी ने बताया कि वह एक लोडर चालक है और  दिनांक 19 सितंबर 2017 को रात्रि 8 बजे के करीब बादशाहीनाका थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक समोसे की दुकान के सामने से माल लाद रहा था तभी समोसे का दुकानदार अपने कुछ अन्य साथियों सहित आकार उसको वहां माल लादने से मना किया और गालियां देने लगे। पीड़ित के आरोपो के अनुसार जब उसने आपत्ति किया तो उक्त दबंगों ने उसकी पिटाई कर दी, पीड़ित इसकी शिकायत लेकर जब थाने गया तो थाने पर उसका प्रार्थनापत्र लेकर रख लिया और कल आने को कहा।
पीड़ित के आरोपो के अनुसार जब वह आज थाने गया तो उसको कल फिर आने को कह कर वापस कर दिया गया और उसके ज़ख्मो का मेडिकल भी न करवाया गया। पीड़ित के अनुसार जब वह थाने से वापस आ रहा था तो आरोपियों ने उसको घेर कर दुबारा गालियां दी और धमकी दी। इस घटना से भयभीत पीड़ित ने उच्चाधिकारियों से पत्र लिख कर न्याय की गुहार लगाया है। वही पीड़ित के आरोपो को आधार माना जाय तो पुलिस स्थानीय एक सपा नेता के दबाव में उसकी शिकायत नहीं पंजीकृत कर रही है।

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