शहादत के बाद परिजन ने कहा – “हमें कुछ नहीं लेना बस पाकिस्तान से बदला चाहिए”

फोटो साभार ANI
  • देश के लिए कुर्बान हो गया तो कोई फर्क नहीं, बहादुर था मेरा भाई….।

ये शब्द हैं उस भाई के जिसके सगे भाई के प्राण कुछ घंटों पहले ही देश के दुश्मनों ने एक आतंकवादी हमले में ले लिए। लेकिन देशभक्ति का जज्बा शायद भाई के जीवन से भी बढ़कर था इसलिए चेहरे पर कोई शिकन नहीं दिखी। लेकिन दिल में एक इच्छा जरूर है कि इस हमले को अंजाम देने वालों को उनके गुनाह के लिए माकूल सजा जरूर मिले। कुछ ऐसे ही हावभाव हैं उड़ी हमले में शहीद हुए परिजनों के।

उड़ी हमले में शहीद हुए हवलदार अशोक सिंह की पत्नी ने साफ कहा कि कुछ नहींचाहिए, हमको हमारे पति और 17 जवानों की मौत का बदला चाहिए। बार बार बेसुध हो रही शहीद की पत्नी की जुबान पर बस एक ही रट थी कि उनके पति के कातिलोंको कड़ी सजा दी जाए।हमले में शहीद हुए सिपाही राकेश कुमार के घर ये खबर आते ही मातम पसर गया। भाई की आंखें भी नम थीं लेकिन उनमें एक फख्र भी था। उन्होंने काह देश के लिए कुर्बान हुआ है मेरा भाई कोई अफसोस की बात नहीं। वहीं महाराष्ट्र के रहने वाले टीएस सोमनाथ की शहादत की खबर आते ही उनके घर मिलने वालों का जमावड़ा हो गया। सख्त लहजे में उनके एक परिजन कहते हैं कि सरकार को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जिससे दोबाराकिसी के बच्चे शहीद न हों। हमले में ही शहीद हुए 22 साल के जी दलाई के पिता का कहना है कि सरकार को इस हमले के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनीचाहिए। मेरे बेटे के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। हालांकि वो ये भी कहते हैं कि हमारा बेटा 22 साल का था उसे वहां क्यों भेजा गया जबकि वहां सीनियर्स ही जाते हैं। उन्होंने बताया कि उसने गुरुवार को ही उन्हें फोन किया था। बताया था कि हम वहां जा रहे हैं जहां फायरिंग और बम फट रहे हैं। गाजीपुर निवासी शहीद हरिंदर यादव के पिता केचेहरे पर बेटे के जाने का गम साफ देखा जा सकता है। वो गुस्से से कहते हैं कि अब पाकिस्तान को उसकी नापाक हरकत का जवाब देना चाहिए। हमले में शहीद हुए लांस नायक एसके विद्यार्थी की बहादुर बेटी काकहना है कि पाकिस्तान को उसके हमले का करारा जवाब दिया जाना चाहिए।वहीं कारगिल युद्ध के हीरो कैप्टन सौरभ कालिया के पिता एनके कालिया इस हमले पर दुख जताते हुए कहते हैं कि अपनी धरती पर इस तरह की वारदात होते देखना सचमुच दुखद है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *