बाबा जयगुरूदेव के कार्यक्रम मे मची भगदड, 24 मृत कई घायल, जाने घायल और मृतकों के नाम

अनुपम राज, अज़हरुद्दीन 
वाराणसी. आज वाराणसी के रामनगर थाना क्षेत्र के डुमरिया ग्राम के पास पास बाबा जय गुरुदेव के अनुयाइयो का समागमन कार्यक्रम पंकज महाराज के आह्वाहन पर हो रहा था. प्रशासनिक सूत्रों की माने तो आयोजको ने प्रशासन से 25 हज़ार लोगो के आगमन और 3 हज़ार लोगो के रैली की सूचना प्रदान की थी जिसके हेतु प्रशासन ने अपने स्तर से व्यवस्था की थी.

परन्तु आज सुबह से ही अनुयाइयो का आना शुरू हो गया. देखते देखते लाखो की भीड़ वाराणसी के सडको पर नज़र आने लगी. आयोजन स्थल पर इसी दौरान भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में कुल 24 लोगो की मृत्यु हो गई और समाचार लिखे जाने तक कुल 18 घायलों को अस्पताल लाया गया जहा स्थिति गंभीर होने पर 3 को बीएचयु ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया है. घटना स्थल पर भीड़ कि अधिकता के कारण प्रशासन को राहत पहुचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. घटना के बाद मौके पर जिला के आला अधिकारियो के अलावा प्रमुख गृह सचिव, एडीजी ला एंड आर्डर एवं पुलिस महानिदेशक पहुचे और घायलों का हाल जानने के अतिरिक्त अधिकारियो को आवश्यक निर्देश जारी किये. इधर प्रदेश सरकार द्वारा घायलों और मृतकों को मुआवज़े कि घोषणा कर दी गई है. वही इस दुर्घटना के सम्बन्ध में जिला प्रशासन ने हेल्प लाइन नंबर 0542-2668003 जारी कर दिया है. सभी घायलों का उपचार लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय में चल रहा है. घायलों के सेवा हेतु कई स्वयंसेवी संस्थाओ सहित राजनैतिक दल के प्रतिनिधि अस्पताल में लगे है. 

घटना में मृतकों के नाम 

घटना में मृत 24 लोगो में कुल 7 लोगो की शिनाख्त हो चुकी है तथा 17 अभी भी अज्ञात है. मृतकों में रायबरेली निवासी सावित्री और नवल किशोर, मानपुर के राजबली, हरदोई निवासी राजवती,एवं पार्वती, देवरिया निवासी सुमित्रा देवी और नेवादा कि विमला देवी की शिनाख्त हो चुकी है.

घायलों के नाम 

घायलों में गंभीर रूप से घायल उमा देवी तथा मनोहर लाल की स्थिति गंभीर होने पर उनको BHU ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया है. इस बीच घायलों के आने का सिलसिला समाचार लिखे जाने तक जारी था. समाचार लिखे जाते समय कौशाम्बी के चायल तहसील के सय्यद सदाव ग्राम निवासी लखन लाल को स्थिति गंभीर होने पर BHU ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया है. अन्य घायलों के नाम इस प्रकार है.
महेंद्र – 35 
प्रदीप – 48 
दीपक – 50 
मनीष – 35
राधे श्याम – 60 
दयाशंकर पटेल – 55 
राज लक्ष्मी देवी – 60 
राजेश – 35
को मामूली छोटो का इलाज कर अस्पताल से छुट्टी कर दी गई है. वही 
राजकुमारी देवी – 30
रमा देवी – 65
विद्या देवी – 55
राधिका – 50 
उदय भान – 40 
कुशीनगर निवासी महिला बच्ची- आयु -35 
नेवादा बिहार की उर्मिला देवी- 55
का इलाज चल रहा है 

 क्या था भगदड़ का मुख्य कारण – 

घटना कैसे हुई इसको लेकर पीड़ित अलग अलग बयान दे रहे है. किसी का कहना है कि भीड़ बढ़ने पर धक्का मुक्की शुरू हुई. इसी धक्का मुक्की में एक महिला नीचे ज़मीन पर गिर गई. महिला के साथ के जो लोग आगे बढ़ गए थे वह दौड़ कर पीछे महिला को उठाने के लिए आये. उनको भागता देख भगदड़ मच गई. वही किसी का कहना है कि किसी ने अफवाह फैला दी कि पुलिया गिरने वाली है और इस अफवाह से ही अफरातफरी मच गई और भगदड़ कि स्थिति उत्पन्न हो गई. उच्चाधिकरियो ने कहाकि घटना कि जाँच करवाई जाएगी.

कैसे तय होगा कि कौन है इस घटना का ज़िम्मेदार 

तस्वीरे बयां करती है कि भगदड़ की क्या भयावहता थी.एकत्रित भीड़ का अंदाज़ भी आप तस्वीरो से लगा सकते है. प्रशासन को इतनी अधिक भीड़ होने का अनुमान ही नहीं था. इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल की कमी पड़ गई. आप जिस पुल की तस्वीर देख रहे है वह वाराणसी का मालवीय पुल है. इसके मार्ग के साथ साथ इसके ऊपर बने राडो को भी लोग चलने को इस्तिमाल कर रहे थे. प्रशासन असहाय की स्थिति में था. इधर आयोजको ने भी अपने स्वयं सेवक नहीं लगाये थे. आयोजन में आये अनुयाइयो की तायदात पहले ही प्रशासन को पसीने बहवा रही थी. पुरे शहर में हर तरफ से अनुयाइयो का जुलूस कार्यक्रम स्थल को जा रहा था. प्रशासन शहर को भी जाम से मुक्त करवाने का प्रयास कर रहा था. इसी बीच यह हादसा हो गया.

क्या आयोजको पर होगी कार्यवाही – 

25 हज़ार अनुयाइयो के साथ कार्यक्रम होना और 3 हज़ार लोगो की रैली कि जिला प्रशासन से अनुमति लेने वाले आयोजको को शायद यह अनुमान ही नहीं था कि भीड़ इतनी बढ़ जाएगी. अचानक दी गई तयदात से कई गुना ज्यादा अनुयायी कार्यक्रम में सम्मिलित होने आ गए. अब समझ में दो बात नहीं आई. पहली आखिर प्रशासन का ख़ुफ़िया तंत्र क्या कर रहा था क्या उसकी जानकारी में यह पुर्व में नहीं आया. वही दूसरा सवाल है कि क्या आयोजको को सच में नहीं पता था कि इतने अनुयाई कार्यक्रम में सम्मिलित हो जायेगे. या फिर अनुमति लेने के लिए ही सिर्फ इतनी संख्या बताई गई. क्या जिला प्रशासन कोई कार्यवाही करेगा अन्यथा नहीं.कटु सत्य तो यह है कि इस घटना की जवाबदेही जहा जिला प्रशासन की है तो उससे कही ज्यादा आयोजको की जवाबदेही बनती है. अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन आयोजको पर कोई कार्यवाही करेगा या फिर नहीं. आप सिर्फ इस बात की कल्पना करके देखिये कि यही भगवान न करे यही घटना मालवीय पुल पर हुई होती तो जान माल का कितना नुक्सान होता.

शहर में रहा अफवाहों का बाज़ार गर्म – 

इस दुर्घटना को लेकर शहर में अफवाहों का बाज़ार गर्म रहा. लोगो के बीच घटना में मृतकों की संख्या को लेकर काफी अफवाहे तैरती रही. समाचार लिखे जाने तक कसी अन्य अप्रिय घटना कि सुचना नहीं है.  

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