यौन शोषण और राजनीत के जाल में फंसा आलापुर विधानसभा एक बार फिर चर्चा में
अपने राजनीतिक फायदे के लिए एक दूसरे पर छिनौने आरोप लगाना भी यहां के राजनीतिज्ञों की कार्यप्रणाली रह चुकी हैमायावती के चुनाव लड़ने के बाद से ही यह विधानसभा क्षेत्र अचानक सुर्खियों में आ गया था। मायावती के त्यागपत्र के बाद यहां से जयराम विमल ने अपना भाग्य आजमाया था। वे भी चुनाव में जीत गये थे। इस विधानसभा क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले पूर्व सांसद त्रिभुवन दत्त पर एक युवती द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाकर राजनीतिक क्षेत्र में खलबली मचा दी थी। हालांकि यह आरोप उनकी ही पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे रामप्रकाश गौतम के इशारे पर लगाये जाने की बात सामने आयी थी। जांच के दौरान यह आरोप निराधार पाया गया था। बाद में इसी युवती ने रामप्रकाश गौतम पर भी आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी। हालांकि यह विडम्बना है कि मौजूदा समय में रामप्रकाश गौतम व संबंधित युवती भाजपा में ही है। इसी विधानसभा क्षेत्र का ताजा मामला सपा विधायक से जुड़ गया है। उनके ही भाई ही विधवा पत्नी ने उनके ऊपर दुराचार का आरोप लगाकर इस विधानसभा क्षेत्र को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। पुलिस ने दुराचार के इस आरोप को जांच के बाद खारिज कर दिया था लेकिन अब न्यायालय ने इसी मामले में मुकदमा दर्ज करने का आदेश देकर विरोधियों को मौका दे दिया है। इस प्रकरण पर विधायक भीमप्रसाद सोनकर का कहना है कि एक राजनीतिक साजिश के तहत उन पर यह आरोप लगवाकर उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ भी हो यौन शोषण व राजनीति आलापुर विधानसभा क्षेत्र के लिए एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं।