निठारी कांड के नरपिशाच को अदालत ने दी सजा-ए-मौत
कुलदीप नई दिल्ली : गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने चर्चित निठारी कांड से जुड़े नंदा देवी हत्याकांड मामले में शुक्रवार को सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई. विशेष अदालत ने कोली पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. निठारी नरसंहार मामले से जुड़े पांच मामले में दोषी करार दिए जा चुके सुरेंद्र कोली को इस छठे मामले में अपहरण, हत्या, बलात्कार और सबूत नष्ट करने का दोषी ठहराया गया था. पिछले पांच मामलों में दोषी ठहराए जा चुके कोली को इन मामलों में मौत की सजा सुनाई गई थी. इस तरह उसे छठे मामले में भी अधिकतम सजा सुनाई गई. सीबीआई के न्यायाधीश पवन तिवारी ने बीते बुधवार को कोली को नियोक्ता मनिंदर सिंह पंधेर के घर पर काम करने वाली 25 वर्षीय सहायिका के मामले में दोषी ठहराया था. यह सहायिका 31 अक्तूबर 2006 को लापता हो गई थी.
करोड़पति मोनिंदर सिंह पंधेर के उस खूनी कोठी नंबर डी-5 को भला कौन भूल सकता है। कौन भूल सकता है कि इसी कोठी में इंसान के रूप में मौजूद भेड़ियों ने एक दो नहीं बल्कि 17 बच्चों को अपना शिकार बनाकर इसी कोठी में उन्हें दफन कर दिया था। इस कोठी में रहने वाले नरपिशाचों ने बड़ें ही शातिर ढ़ग से गांव के भोले-भाले मासूम बच्चों को किसी न किसी बहाने अपने पास बुलाते थे। इसके बाद उनके साथ हैवानियत की हदें पार कर उनकी हत्या करने के बाद लाश के टुकड़े-टुकड़े कर नाले में बहा देते हैं।