ड्रिप सिंचाई से होगी समय व धन दोनों की बचत: जिला उद्यान अधिकारी
नूर आलम वारसी
बहराइच। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के उपघटक ‘‘पर ड्राप मोर क्राप’’ (माइक्रोइरीगेशन) के अन्तर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र, बहराइच में आयोजित दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा किसानों को ड्रिप व स्प्रिंकलर सिंचाई के महत्व पर विस्तार से जानकारी प्रदान की गयी।
प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डा. शेर सिंह ने कृषकों को ड्रिप व स्प्रिंकलर सिंचाई के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। इंजीनियर, राजीव कुमार के द्वारा ड्रिप व स्प्रिंकलर के तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। उद्यान विशेषज्ञ, डाॅ. वी.पी. सिंह द्वारा औद्यानिक फसलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। कृषि फसल विशेषज्ञ, डा. एस.के. चक्रवर्ती द्वारा दलहनी, तिलहनी व खाद्यान्न फसलों की स्प्रिंकलर सिंचाई के महत्व पर प्रकाश डाला गया। प्रगतिशील कृषक उस्मान अली द्वारा अपने अनुभव को किसानों से साझा किया गया। उन्होंने बताया कि पिछले 3-4 वर्षों से वह अपनी केला व टमाटर के फसल की ड्रिप पद्धति से सिंचाई कर रहे हैं। उनकी फसल का उत्पादन अन्य किसानों की तुलना में काफी अच्छा प्राप्त हो रहा है व फसल की लागत में कमी आने से अन्य कृषकों की तुलना में अधिक लाभ प्राप्त हो रहा है। अन्य प्रगतिशील कृषक श्री हबीब खा ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर जिला उद्यान अधिकारी महेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा कृषकों को बताया गया कि ड्रिप सिंचाई से समय व धन दोनों की बचत होती है, जिससे किसानों को प्रति इकाई अधिक लाभ प्राप्त होता है। शासन द्वारा इस पद्धति की स्थापना पर अनुदान भी दिया जा रहा है। उन्होने बताया कि जनपद बहराइच में इस वर्ष 127.00 है. में ड्रिप पद्धति तथा 199.00 है. में स्प्रिंकलर पद्धति की स्थापना का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। जिसके सापेक्ष प्राप्त प्रथम आवंटन के अन्तर्गत 84.5 है. में ड्रिप/स्प्रिंकलर सिचाँई पद्धति की स्थापना चयनित लाभार्थियों के यहा करायी जा रही है। कृषकों को अनुदान का भुगतान डी.बी.टी. के माध्यम से उनके बैंक खाते में सीधे किया जायेगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन योजना प्रभारी, आरके वर्मा ने किया। श्री वर्मा ने बताया कि ड्रिप व स्प्रिंकलर सिंचाई से जहां पानी की बचत होती है वहीं फसल पर कीट-व्याधियों का प्रकोप नहीं होता है व खर-पतवार भी नहीं उगते हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि ब्लाक प्रमुख चित्तौरा के प्रतिनिधि वसीम अहमद शेरवानी ने अपने सम्बोधन में कृषकों को औद्यानिकी कृषि से सम्बन्धित विभिन्न योजनाओं से अधिक से अधिक लाभ उठाये जाने के लिए प्रेरित किया तथा इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने के लिए उद्यान विभाग, बहराइच के प्रति अभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के दौरान चित्तौरा, बलहा, रिसिया, फखरपुर, तेजवापुर आदि विकासखण्ड़ों के कुल 30 कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। जैन इरीगेशन एवं हार्वल एग्वा के प्रतिनिधि शेर सिंह ने डेमों लगाकर कृषकों को जानकारी प्रदान की। प्रशिक्षण के उपरान्त ग्राम-बारापत्थर में कृषक अजमल एवं फैसल के केला एवं अमरूद प्रक्षेत्रों पर लगे ड्रिप व स्प्रिंकलर का स्थलीय निरीक्षण भी कृषकों को कराया गया।