इस्लाम में तीन तलाक और बहु विवाह पर केंद्र के रूख का विरोध शुरू हो गया है।
यशपाल सिंह
मऊ. राष्ट्रीय उलेमा कौंसिंल की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष रिजवाना खातून ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने मोदी सरकार को चैंलेंज करते हुए कहा कि उनकी सरकार इस्लाम के मामलों में दखल ने और अगर वास्तव में पीएम महिलाओं के हितैषी है तो पहले अपने घर की महिला को न्याय दे। इस्लाम के लोग शरीयत के कानून से छेड़खाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि जब तीन तलाक और बहुविवाह से मुस्लिम महिलाओं को कोई आपत्ति नहीं है तो सरकार इसमें हस्तक्षेप करने वाली कौन होती है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान हमे बिना किसी दबाव के धर्म के पालन की आज़ादी देता है इसलिए इसमे हम मुस्लिम महिलाएं किसी सरकार या संगठन का हस्तक्षेप बर्दाश्त नही करेंगी। शरीयत खुद तीन तलाक़ को गुनाह ए कबीरा क़रार देती है और सख्त नापसंद करती है परंतु तलाक़ मसले का हल है, इसलिए इसकी इजाज़त भी है और इस्लाम मे ही इस मसले का हल भी है। इसलिए 3 तलाक का हल अगर तलाशना भी है तो इस्लाम और शरीयत में तलाशे न कि अदालत और संसद में।
मोदीजी अगर सच में महिलाओं के अधिकारों के लिए फिक्रमन्द हैं तो पहले इसकी शुरुआत अपने घर से करें और फिर दूसरों के घर मे झांके। उन्होंने कहा कि इस्लाम में अगर बहुविवाह की इजाजत है तो कुछ पाबंदियां भी लगायी गयी है। यह कहीं से सरकार का मामला नहीं है।