जानिए बलिया के जिला जेल की क्या है व्यवस्था, कैसे एक बंदीरक्षक करता है 120 कैदियों की निगरानी ?
अन्जनी राय
बलिया : कारागार से कैदियों के भागने की घटनाओं के हिसाब से देखा जाए तो जिला कारागार की सुरक्षा व्यवस्था काफी लचर है। जेल में जहां कैदियों की संख्या क्षमता से दो गुना है वहीं तैनात बंदी रक्षकों की संख्या मानक से आधी। ऐसे में जिला कारागर में तैनात प्रत्येक बंदी रक्षक के जिम्मे लगभग 120 कैदियों की सुरक्षा का जिम्मा है। शहर की घनी आबादी के बीच एक एकल सुरक्षा दीवार वाली जेल है और इसमें अब तक जैमर, मेटल डिटेक्टर, सीसी टीवी कैमरा, वाच टॉवर, हाई मार्क्ट लैंप आदि की सुविधाएं अब तक नहीं है।
अंग्रेजों के जमाने में सन् 1900 में निर्मित इस जेल की क्षमता 349 कैदियों की है पर वर्तमान समय में 833 कैदी निरुद्ध हैं। बंदी रक्षकों की संख्या मात्र 33 के करीब है जो पूरे जेल की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा अपने कंधों पर लिए है। पुराने जमाने की यह जेल एकल सुरक्षा दीवार भी जेल प्रशासन के लिए चिंता का विषय है। जेल में सुरक्षा के दृष्टिगत कोई आधुनिक सुविधा नहीं है। जेल में अब तक सीसी टीवी कैमरा, मेटल डिटेक्टर, जैमर, वाच टॉवर हाई मार्क्स लैंप जैसी बुनियादी सुविधाओं से महरूम है। जेल में कोई अप्रिय घटना नहीं हो रही है यह संयोग की बात है हालांकि राहत वाली बात यह है कि इस जेल में कोई आतंकी, नक्सली, उग्रवादी, पाकिस्तानी व बांग्लादेशी नहीं है। यदि इस तरह के कैदी इस जेल में होते तो यहां कुछ भी हो सकता था।