कौन हो सकता है मिशन 2017 का शेर
इमरान सागर की कलम से
तिलहर/शाहजहाँपुर:- चुनावी रण क्षेत्र में मिशन 2017 का शेर कौन होगा यह अभी समय के गर्भ में लेकिन आजमाईश के राष्ट्रीय राजनीत पार्टियों से लेकर क्षेत्रिय पार्टिया और निर्दलिय प्रत्याशी तक तैयार खड़े हैं, आमजन के सामने जहाँ तक क्षेत्र के विकास का सबाल है वह यह है कि बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को दो बार समय दिया गया लेकिन नतीज़ा सिफर रहा, दूसरी सबसे अहम बात कि बहुजन समाज पार्टी को डूबती नाव समझ लिया और उससे किनारा कर मजबूत सहारे की तलाश में जुड़ते हुए पूरे शबाब पर केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी में शामिल होते हुए पाला बदल लिया बिधायक रोशन लाल वर्मा ने! समाजवादी पार्टी से हालांकि पिछली बार अनबर अली चुनाव हार जरूर गये थे परन्तु प्रदेश की सत्ता पर सपा ने काबिज होते हुए सैकड़ो योजनाओं का पिटारा खोल दिया, विदेशो से काले धन की वापसी पर लोगो के खातो में 15-15 लाख आयें या न आये लेकिन प्रदेश सरकार ने अपनी तमाम योजनाओं के तहत पेशंन के रूप में वोटरो की जमकर मदद की और करती आ रही है.
यह कहना गलत नही होगा कि वर्तमान में केन्द्र सरकार द्वारा नोट बन्दी के आला फरमान से देश सहित प्रदेश की उस जनता पर सबसे अधिक असर पड़ा जो बिना कुछ सोचे इकतरफा मतदान कर सरकार बनाने में संक्षम है. प्रदेश की सपा सरकार का प्रत्याशी क्षेत्र में भले ही जीत न पाया हो लेकिन प्रदेश की सपा सरकार नें क्षेत्र के सवसे अहम वोटर को अपनी किसी योजना से बंचित नही रखा! लेपटॉप, बिधवा, वृधा पेंशन हो या फिर ग्रामीण या नगर क्षेत्र मे शौचालय और आवास निर्माण सुविधा! तमाम बिरोध और घरेलू कलह के बाद भी सबका साथ सबका विकास की तर्ज पर समाजवादी पार्टी ने अपने वादे के मुताबिक कमसे कम, काम करके तो दिखाया ही है! समाजवादी पार्टी की प्रदेश सरकार ने ही देश हित में सबसे बड़ी मिसाल लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे दे कर कायम की जबकि केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी की कई फटकारो के बाद भी क्षेत्र का नेशनल हाईवे 24 का चौड़ीकरण आज भी कछुआ चाल से ही निर्माण में लगा है!
वर्तमान के हालात के हालात पर नज़र दौड़ाने से समझ आती है कि बहुजन समाज़ पार्टी से दो बार बिधायक रहने के बाद भी तिलहर निगोही सम्पर्क मार्ग का रिनिर्माण कराना तो दूर की बात है रोशन लाल वर्मा जी उसकी मरम्मत तक नही करा पाए और अपने चहीते वोटरो को धोका देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये, खैर यह क्यूं और कैसे हुआ यह जानने की नही समझने की जरूरत है!
लगभग एक दशक से प्रदेश में कांग्रेस का कहीं बजूद नज़र नही आता प्रदेश में जिसके चलते वोटर को भी शायद कुछ याद नही परन्तु मिशन 2017 और वर्तमान में केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी की नीतियों का भरपूर फायदा उठाने की फिराक में संभावित प्रत्याशियों के बल जमीन तैयार करने मे जुटी है! तो वहीं आधा दशक से अपनी खोई प्रतिष्ठा को तलाश करने में जुटी बहुजन समाज पार्टी भी प्रदेश की सत्ता का सपना देखने में चूक करना नही चाहती!
तमाम बिरोध और पारिवारिक कलह से जूझते हुए भी समझदारी से अपना काम करते हुए प्रदेश में तमाम योजनाए लागू कर जनता को उनका लाभ देने वाली प्रदेश की समाजवादी पार्टी नें अपने पुराने बफादार और सुलझे हुए नेता अनबर अली को एक बार मैदान में उतारने का पूरी तरह मन बना लिया है परन्तु अब देखना यह है कि प्रदेश कि जिस सपा सरकार ने बिना किसी सकोंच अपने वोटर की झोली में विभिन्न योजनाए लगातार डाली और अभी भी जारी हैं, तो बदले क्षेत्र का वोटर प्रदेश की सरकार को क्षेत्र से क्या उपहार देता है यह समय के गर्भ में है!