बलिया – रेल के आरक्षण का खेल
राम मिलन यादव
बलिया. रेल मंत्री चाहे कितनी भी कोशिश कर ले रेलवे की छवि सुधारने की मगर कर्मी है की कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेते है अपनी जेबे गरम करने का. विभाग जितना चाहे उतना दावा करे कि तत्काल टिकट प्रणाली सुधर गई है, मगर कर्मी है कि इसके सुधार की जगह कोई न कोई अलग रास्ता निकाल ही लेते है. पहले की अपेक्षा यह जुगाड़ कम होने के बजाये बढ़ता ही जा रहा है. आज हम आपको बलिया जनपद के बेल्थारा रोड रेल आरक्षण केंद्र का जायजा करवाते है.
प्रस्तुत चित्र आज सुबह काउंटर खुलने के ठीक बाद का है. यहाँ आपको एक पुलिस कर्मी भी दिख रहा होगा मगर लाइन की स्थिति बेलाइन ही दिखाई दे रही होगी. उसका कारण है यहाँ के दलाल. खिड़की खुलते ही काउंटर क्लर्क के हाथ में एक पर्ची रहती है जिस पर कुछ नंबर लिखा होता है. यह नंबर किसी के मोबाइल का या टिकट का नहीं होता है, यहाँ के दलाल अपना एक कोड बना रखे है, उसको जानकर भी हैरत होगी. ये कोड फार्म की स्थिति और खड़े लड़के की स्थिति दर्शाता है. इसपर 1 से 10 तक के नंबर लिखे होते है, काउंटर क्लर्क को इन नम्बरों पर तत्काल में कन्फर्म टिकट देना होता है क्योकि ये वो नंबर है जो उनको टिकट के मूल्य के अतिरिक्त भी सेवा प्रदान करता है.
यात्रियों ने हमको बताया कि यहाँ मुंबई के ट्रेनों हेतु टिकट की ज्यादा मारा मारी होती है. अगर आपने खुद काउंटर से टिकट बनवाया तो आपको सीट उपलब्ध नहीं होगी मगर यही टिकट आपने अगर दलाल के मार्फ़त बनवाया तो आपको सीट उपलब्ध होगी. ये खेल सिर्फ इस पर्ची पर लिखे नंबर का है. विभाग सब कुछ जानता है मगर उसने जैसे आंखे मूँद रखा है इन सब पर. यही नहीं अगर इन दलालों का आपने विरोध किया तो आपकी मुफ्त मालिश भी उपलब्ध है.
सब मिलकर टिकटों का बड़ा घोटाले की संज्ञा देते हुवे इसको एक बड़ा स्कैम कह सकते है. स्थानीय जीआरपी और रेल विभाग सब जानकर भी अंजन बना हुआ है और दलालों का खेल निरंतर जारी है जिसमे आम जनता पिस रही है. सूत्रों की माने तो ये टिकट के सौदागर पहले से बुक अपने टिकट का फिर मन माना किराया वसूल करते है. अब देखना होगा कि आखिर किस प्रकार रेल प्रशासन इस टिकट के गोल माल को रोकता है