गन्ना क्रय पर अवैध वसूली से भड़के किसान
फारुख हुसैन
निघासन-खीरी= गन्ना मिलों द्वारा गन्ना उलझाई माफी के बावजूद भी क्षेत्र के गन्ना क्रय केन्द्रों पर किसानो से उलझाई के नाम पर तीस से चालीस रुपये जबरन वसूले जा रहे हैं। जबरन की जा रही वसूली का किसानो ने विरोध शुरु कर दिया है।वही चीनी मिल ने उलझाई के नाम पर की जा रही वसूली को गलत बताया है।
सरयू सहकारी चीनी मिल बेलरायां के बजरंगगढ,लोनियन पुरवा,लालपुर,कुर्मिन पुरवा समेत लगभग सभी क्रय केन्द्रों पर तौल शुरु हो चुकी है। गन्ना क्रय केन्द्रों पर मजदूरों व किसानो के बीच उलझाई को लेकर विवाद बढता ही जा रहा है जिसके चलते बजरन्ग गढ केन्द्र पर गन्ने की तौल बंद है। किसान अपने वाहनो को लिये दो दिन से तौल का इंतजार कर रहे हैं। मामला यह है कि टेन्डर प्रक्रिया मे साफ था कि किसान से गन्ना उलझाई न लेकर उसे ठेकेदार वहन करेगा जबकि ऐसा नही हो रहा है। गन्ना क्रय केन्द्रो पर किसानो से खुलेआम उलझाई ली जा रही है।केन्द्रो पर ठेकेदारो व मजदूरो की मिलीभगत से 30 से चालीस रूपये डनलफ व 70 रूपये ट्राली किसानो से वसूले जा रहे हैं। किसानो को पर्चियाँ भी मिल गयी हैं लेकिन उलझाई को लेकर गन्ना क्रय केन्द्रो पर किसानों मे असमंजस की स्थिति बनी हुई है।ऐसा ही बजरंगगढ गन्ना क्रय केंद्र पर हुआ है। किसानो ने उलझाई देने से साफ मनाकर दिया जिसके चलते तौल बाधित है। मिल का अभी तक कोई जिम्मेदार नही पहुंचा जो इस मामले का हल निकाल सके । गोविंदर सिंह संचालक सरयू सहकारी चीनी मिल द्वारा बताया गया कि किसान को किसी प्रकार की उलझाई नही देने की जरूरत है इस मामले को उन्होने क्रेन कमीशनर सहित मिल के अधिकारियो को दो महीने पहले ही अवगत करा दिया था।
जसकरन सिंह जस्सा ,केवल सिह , सुखमिन्दर सिंह , लखविंदर सिंह ,श्रीराम यादव ,मंगू लाल यादव ,रामपाल गौतम, अम्रिका गौतम ,सुरेश ,सूर्जलाल मौर्य,गुरूदेव सिंह , केवल सिंह, सियाराम दीक्षित, जलील खां ,सोनू पान्डेय , लल्लू जायसवाल आदि सैकेडो सट्टा धारको ने गन्ना क्रय केंद्रों पर की जा रही वसूली का विरोध किया है।इस बाबत सरयू चीनी मिल जीएम वीएस राजकुमार ने बताया कि केन्द्रो पर किसानों से की जा रही वसूली की जानकारी मिली है।जाँच करायी जा रही है दोषी ठेकेदार का टेण्डर निरस्त किया जायेगा। जिला गन्ना अधिकारी जगदीश चन्द्र यादव ने बताया कि किसानो को गन्ना उलझाई के नाम पर कोई भी धन नही देना है।अगर उलझाई के नाम पर वसूली की जा रही है तो यह गलत है।