नोट बंदी का मेरा फैसला आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ है – PM

गाजीपुर में नोट बंदी पर खूब दी PM ने सफाई, 
कहा दिक्कत सिर्फ 50 दिनों की फिर सब ठीक हो जायेगा
कड़क चाय सिर्फ गरीबो को पसंद है,अमीरों को नहीं- PM
गरीब चैन से सो रहा है, अमीर नींद की गोलिया खाकर सो रहा है- PM 

शाहनवाज़ अहमद
गाजीपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एहसास है कि नोट बंदी के चलते आमजन को दिक्कत आ रही है लेकिन अपने इस कदम को वह राष्ट्रहित में मानते हैं। आरटीआई मैदान में सोमवार को परिवर्तन सभा में उन्होंने साफ कहा-नोट बंदी का मेरा फैसला आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ है।

मैं जनता हूं कि आपको तकलीफ हो रही है। मानता हूं किसी बड़े परिवर्तन में थोड़ी-बहुत तकलीफ होती है, लेकिन इरादा नेक होना चाहिए। आपके समर्थन से ही यह बड़ा काम कर पाया। घर के रंगरोगन में तकलीफ होती है फिर भी हम करते हैं। मैं बचपन में चाय बेचता था। तब गरीब आते और कहते कि मुझे कड़क चाय दो। मुझे पता है कि गरीब कड़क चाहता है। नोटबंदी कर मैंने कड़क जायका बना दिया है। इतना कड़क कि कालेधन वालों को नींद की गोलियां खानी पड़ रही हैं। गरीब चैन की नींद सो रहा है। अमीर नींद की गोली लिए बाज़ार के चक्कर काट रहा है। निश्चित रूप से आपने मुझ पर भरोसा किया। इस लिए कालाधन वाले चिंतित हैं।

500 और 1000 की नोट बंद कर आपका ही कहा काम कर रहा हूं। अमीर और गरीब सब एक हो गए हैं। कालेधन वालों ने गरीबों का पैसा लूटा है। उस कालेधन को हर घर में अगर खोजने जाता तो बहुत समय लगता। फिर भी कामयाब नहीं होता। हिंदुस्तान में धन की कोई कमी नहीं है लेकिन धन कहां है वह समस्या है। बईमानों के लिए कोई चारा नहीं बचा। कालाधन को खत्म करने का एक ही विकल्प था। नोट बंद कर दिए जाएं। मोदी ने कहा कि माताओं, बहनों ने अपनी बेटियों की शादी के लिए रुपये जमा किए हैं। उन पर सरकारी अधिकारी आंख भी उठा कर नहीं देखेंगे। ढाई लाख की जमा राशि पर कुछ नहीं होगा लेकिन सवाल है कि ढाई करोड़ रुपये वालों का क्या किया जाए। उनको कैसे छोड़ा जाए जो नोटों के विस्तर पर सोते हैं। उन्होंने चुटकी लेने के अंदाज में कहे कि आज कल लोग अपनी काली कमाई गंगा में बहा रहे हैं लेकिन उन्हें नहीं पता कि गंगा में नोट बहाकर के भी उनके पाप नहीं धुलेंगे। 
इसी क्रम में उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती का नाम तो नहीं लिया लेकिन कहाकि कुछ लोग नोटों की बड़ी-बड़ी माला पहनते हैं जिनकी गर्दन तक नहीं दिखती। मजे की बात कि वही लोग नोट बंदी से ज्यादा दुखी हैं। करीब अपने 48 मिनट के लंबे भाषण में मोदी अपनी सरकार के उपलब्धियों पर आए। और कहा कि मैं 14 नवंबर का दिन गाजीपुर के लिए जानबूझ कर चुना। यह दिन पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिन का है। नेहरू जी ने ही गाजीपुर समेत पूर्वांचल के विकास के लिए पटेल आयोग गठित किया था लेकिन गरीबों की उम्मीदें उनके जाने के साथ ही कागजों के गठ्ठर में दबी रह गईं। इस बीच कई सरकारें आईं और गईं लेकिन मां गंगा को पार करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं हुई। मैं पं. नेहरू के जन्मदिन पर उनके अधूरे काम पूरा करने आया हूं। गंगा में रेल-सड़क पुल और ताड़ीघाट-मऊ रेल मार्ग का शिलान्यास कर मैं पं.नेहरू को अपनी ओर से श्रद्धांजलि दे रहा हूं। 
इसी दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुवे कहाकि पं. नेहरू के दल के नेता उन पर आरोप लगाते हैं। मैं कांग्रेस के लोगों से पूछना चाहते हैं कि आपने आपातकाल लाकर के देश को १९ माह तक जेल खाना बना दिया था। सवालिया लहजे में कहे कि कांग्रेस ने चवन्नी बंद की तब कौन कानून था। हां यह जरूर है कि तब आपकी हैसियत चवन्नी की थी और मेरी उससे बहुत बड़ी है। 
किसानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी जिंदगी में विश्वास और ताकत भरना उनका लक्ष्य है। गाजीपुर में मां गंगा की कृपा से सब्जियों का स्वाद विशिष्ट होता है। उसके लिए बंगाल और असम के लोग लालायित रहते हैं। लिहाजा अब गाजीपुर घाट पर उद्घाटित पेरेशेबल कार्गो कांप्लेक्स गाजीपुर के किसानों को लाभ देगा। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में बताया कि फसल बीमा योजना से किसान को फायदा हो रहा है। फसल कटाई के 15 दिन में कोई आपदा आई, तो भी उसका मुआवजा किसान को मिलेगा। भाषण के अंत में वह मौजूद जनसमूह से आशीर्वाद मांगते हुए कहे कि नोट बंदी का जो महायज्ञ मैंने शुरू किया है। उसकी सफलता के लिए आप खड़े होकर तालियां बजाएं। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वह गांव-गांव जाएं। ग्रामीणों को बताएं कि वह नोट बंदी से आई दिक्कतें अधिकतम 50 दिन की हैं। धैर्य बनाए रखें। 

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *