200 वर्ष पूर्व हस्त लिखित प्राचीन गीता ग्रन्थ का पूजन किया गया
अब्दुल रज्जाक
जयपुर–रजत ज्योतिष एव् वास्तु संस्थान के तत्वाधान में गीता जयंती के उपलक्ष्य में गीता ग्रन्थ का पूजन आर्य नगर मुरलीपुरा जयपुर में किया गया। यज्ञाचार्य कृष्णकांत शास्त्री ने बताया कि आज के दिन ही मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को कुरुक्षेत्र में अर्जुन का युद्ध से पूर्व मोह भंग होने पर मोह दूर करने के लिए जो उपदेश दिया गया था। वही गीता नामक ग्रन्थ प्रसिद्ध हुआ। कदाचित् यह विश्व का एक मात्र ग्रन्थ है।जिसकी जयंती सम्पूर्ण विश्व में मनाई जाती है इस अवसर पर गीता ज्ञान को आत्मसात् करके समाज की बुराइयों दहेज़ दिखावा ,को समाप्त करके नारी सम्मान के साथ मानव समाज के साथ भाईचारे को बढाया जाना चाहिए ।कृष्ण कांत ने बताया की 200 वर्ष पूर्व हस्त लिखित प्राचीन गीता ग्रन्थ का पूजन शारदा देवी ,मनफुली,अन्तिमा मिश्रा श्री निधि ,सुशीला जांगिड़ व उषा के हाथो से आरती उतारी गई।