तो क्या लापरवाही से, गयी व्रद्ध की जान
▪कुछ दिनों से दयनीय स्थित में पड़ा था स्टेशन के मालगोदाम पर।▪अज्ञात व्यक्ति ने 108 एम्बुलेंस से पहुँचवाया पलिया सी एच सी।
फारूख हुसैन /पलिया कलां( खीरी)
जिसने न सिर्फ मानवता को झकझोर कर रख दिया है बल्कि उन सभी लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ किया है जो इंसानियत का फर्ज कभी नहीं भूलते। पलिया के स्टेशन मालगोदाम पर न जाने कितने दिनों से एक व्रद्ध पर दयनीय स्थिती में पड़ा अपनी अंतिम घड़ी का इंतजार कर रहा था परंतु यह सब देखकर भी शासन हो या प्रशासन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया परंतु एक अज्ञात व्यक्ति ने 108 एम्बुलेंस को फोन कर उस व्रद्ध को पलिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुँचाया परंतु वहाँ पर भी उसकी किसी न सुध नहीं ली जिसकी सूचना मिलने पर पलिया में चल रही संस्था समाज सेवा समिति के सदस्यों और व्याख्त समाज सेवी श्यामा प्रशाद सेन ने मौके पर पहुँच कर उस व्रद्ध को भर्ती करवाया परंतु दूसरे दिन ही देखभाल के अभाव के चलते उस व्रद्ध की मौत हो गयी।जिसके कारण समिति में बहुत ही रोष व्याप्त है और समिति ने उस व्रद्ध की मौत का जिम्मेदार शासन प्रशासन को ठहराया है। जानकारी के अनुसार पलिया के मालगोदाम रोड पर कुछ दिनों से एक अज्ञात व्रद्ध दयनीय स्थिति में पड़ा हुआ था जिसकी जानकारी मिलने पर भी किसी ने उसकी सुध नहीं ली ।तब एक अज्ञात व्यक्ति ने 108 नवम्बर पर फोन कर एम्बुलेंस से उस व्रद्ध को पलिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुँचाया जहाँ उसकी किसी ने कोई सुध नहीं ली जिसकी जानकारी मिलने पर पलिया में चल रही यूवा समाज सेवा समिति के अध्यक्ष गौरव गुप्ता और प्रख्याता समाज सेवी श्यामा प्रसाद सेन ने मौके पर पहुँच कर उसको भर्ती करवाया। इस बात की सूचना पलिया कोतवाली में दी गयी और उप जिला धिकारी को भी दी गयी परंतु किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया और न ही उस व्रद्ध को कोई सुविधा दी गयी । पूछताछ पर पता चला कि वह बोल नही सकता । दूसरे दिन जब समिति के सदस्यों ने उस व्रद्ध का हाल चाल जानने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गये परंतु उस अज्ञात व्रद्ध की मौत हो चुकी थी जब यह बात उन्होंने डाँ को बतायी तो वहाँ हड़कम्प मच गया क्योंकि अस्पताल के किसी कर्मचारियों को इस बात की कोई जानकारी नही थी ।जिसके कारण समिति के सदस्यों में बहुत ही आक्रोश फैल गया है और उन्होंने शासन प्रशासन को ही उस व्रद्ध की मौत का जिम्मेदार ठहराया है समिति का कहना कि यदि शासन प्रशासन ने उनकी बात पर ध्यान दिया होता तो वह बेमौत न मारा जाता । फिलहाल मौके पर पहुँचे चौकी प्रभारी जय करन सिंह और सुधीर ने शव का पोस्ट मार्टम करने के लिए लखीमपुर भेज दिया है जिसका सारा खर्च समिति ने ही उठाया है ।