तो अब ओमप्रकाश के नैया के खेवनहार है अंसारी बंधू.
एकदम सामने से टक्कर देने वाले अंसारी बंधु अब समाजवादी पार्टी में आ गये हैं। इस बात का भरपूर लाभ लेने का प्रयास पूर्व कैबिनेट मंत्री कर रहे हैं। कभी रघुकुल रीति की दूहाई देने वाले ओमप्रकाश सिंह आज अंसारी बंधुओं के सबसे खासम खास दिखने का प्रयास कर रहे हैं। वह कोई भी ऐसा मौका नही छोड़ रहे है। जिससे कि अंसारी बंधुओं और उनके बीच नजदीकियां जनता को दिखे। चाहे लखनऊ में अंसारी बंधुओं के खास मिसबाह भाई के लड़की का निकाह हो या 23 नवंबर को महारैली में मंच पर बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे को सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह का आशीर्वाद दिलाकर ब्रांडि़ग करना हो। इसी क्रम में पूर्व सांसद अफजाल अंसारी भी दोस्ती निभाने के लिए एक कदम और आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले दिनों पठानों का सबसे बड़ा गांव बारे गांव में बीमार रहने के बावजूद भी फुटबाल टूर्नामेंट में घंटों तक जमे रहे और पूर्व पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह के लिए फिल्ड तैयार किया। अब 21 दिसंबर को बारा गांव में पूर्व पर्यटन मंत्री के तत्वावधान में आल इंडिया मुशायरा एवं कवि सम्मेलन कराया जा रहा है। जिसमे देश के नामी-गिरामी शायर व कवि भाग लेंगे। मुशायरे के माध्यम से मुसलमानों के दिल में उतरने का कवायद शुरु हो गया है। इसमे पूर्व सांसद अफजाल अंसारी, बाहुबली विधायक अतीक अंसारी, विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी, युवा नेता शोएब उर्फ मन्नू अंसारी भाग लेंगे और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह के लिए मुसलमानों को लामबंद करेंगे। ज्ञातव्य है कि जमानियां विधानसभा में यादव और मुसलमान मतदाताओं की संख्या डेढ़ लाख ज्यादे है। अगर यही दोनों बिरादरी साइकिल पर झूम कर चढ़ जाये तो ओमप्रकाश सिंह की नैया पार हो जायेगी। इसी अंक गणित को देखते हुए ओमप्रकाश सिंह के समर्थक कह रहे है कि अंसारी बंधु आ गये सपा में अब डर काहे का। मुशायरे को सफल बनाने के लिए ओमप्रकाश सिंह के सेनापति प्रसिद्ध उद्योगपति असफाक खां, पूर्व प्रधान नसन खां, दानियाल खां, आतिफ खां आदि लोग युद्ध स्तर पर लगे हुए हैं।