कोटेदारों से धन उगाही की परम्परा कायम.अधिकारी साधे मौन
अज़हरुद्दीन
खागा – खागा तहसील में स्थित पूर्ति निरीक्षकों द्वारा बडे पैमाने पर कोटेदारों से धन उगाही प्रति माह किये जाने की परम्परा कायम है।जिसका विरोध करने की वजाय सूद समेत अपनी भरपाई उपभोक्ताओं से करके कोटेदार अपनी मनमानियों को अंजाम दे रहे हैं।जिसका कोई विकल्प नहीं दिखाई दे रहा है। कोटेदारो का आरोप है कि जब वह मिट्टी का तेल,चीनी,राशन,आदि का उठान करने के लिये अपने अपने ब्लाक के पूर्ति निरीक्षक के पास आदेश व लाग बुक लिखवाने कार्यालय में जाता है तो उससे राशन.चीनी.का प्रति कु.और तेल का प्रति ड्रम के हिसाब से एक मोटी रकम सुविधा शुल्क के रूप में निरीक्षकों द्वारा वेखौफ होकर बर्षों से वसूलने की परम्परा कायम है। जिसमें ब्लाक वनकटी के पूर्ति निरीक्षक जहाँ अपने गुर्गों के माध्यम से वहीं कुदरहा के निरीक्षक स्वयं धन उगाही करते प्रति माह देखे जाते हैं। कामोवेश यही स्थित अन्य ब्लाकों के निरीक्षकों की भी है। लेकिन आज तक किसी अधिकारी ने खुले आम चल रहे इस खेल को रोकना या मामले को उजागर करना उचित नहीं समझा। जव कि यह कार्यालय प्रमुख रूप से पूर्तिअधिकारी व एस.डी.एम.के नियन्त्रण में माना जाता है।नाम ना छापने की शर्त पर अनेक कोटेदारों ने बताया कि धन उगाही से सिर्फ सदर तहसील के सभी ब्लाकों से करोडों की अतिरिक्त नाजायज आमदनी प्रति माह होती है। जिसमें नीचे से उपर तक के लोगों के प्रायोजित तरीके भ्रष्टाचार की बह रही त्रिवेणी में हाथ धोने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
अब सवाल उठता है कि यदि धन उगाही के धन में जिम्मेदारों की हिस्सेदारी ना होती तो वर्षों से चल रहा यह खेल निर्वाध गति से जारी रहना क्या सम्भव है। इतना ही नहीं कोटेदार तो यह भी दबी जुबान से बताते हैं कि इसके अलावा भी तेल व राशन चीनी का उठान करते वक्त हाट शाखा के गोदामों पर और फिर स्टाक चेकिंग के अलावा वितरण प्रवेक्षक को भी सुविधा शुल्क देना मजबूरी है। जिसकी भरपाई उपभोक्ताओं हम लोगों को मजबूर होकर करना पडता है ।