जारी है नोट बंदी पर ट्विटरवार
(जावेद अंसारी)
कांग्रेस – बसपा – भाजपा, ट्विटर पर हुई जमकर फैसले की आलोचना।
मायावती का ट्विटर वार निशाना मुस्लिम समाज के लोगों की सुरक्षा बाबा साहेब के दिन भाजपा और आरएसएस के लोगों को बाबा साहेब का संविधान पसंद नही, दलित वर्ग भाजपा के बहकावे में ना आए, दलितों पर अत्याचार को समाज भुला नही सकता, मथुरा, दादरी, मुजफ्फरनगर, कांड को लोग भुल नही सकते, वही दुसरी तरफ अमीत शाह ने निकाली ट्विटर वार भाषण हम चाहते है चुनाव में कालाधन निकले, लेकिन कुछ लोग नही चाहते, चुनाव में से कालाधन निकल जाना ये देश के लिए नितांत जरूरत है, और सभी पार्टी को इसका समर्थन करना चाहिए, ये वोलंटरी नही कंपल्सरी है, जो बैंक में नही आएगा वो पैसा रद्द हो जाएगा, मैं मनमोहन जी को कहना चाहता हूँ , की जब वो सरकार छोड़कर गये, उसमें 60 करोड़ परिवारों के बैंक में खाते ही नही थे, आज नोट बंदी के कारण पैसा सिस्टम के अन्दर आया है, भाजपा शासित राज्यों में हर गाँव में 24 घंटे बिजली पहुँची है, हर गाँव में सड़क पहुँची है, इस बार उत्तर प्रदेश की राजनीति से जातिवाद और परिवारवाद की राजनीति खत्म होने वाली है, आज नोट बंदी के कारण पैसा सिस्टम के अंदर आया है, युपी के चुनाव से जाती की राजनीति परिवारवाद की राजनीति समाप्त होने वाली है, पालिटिक्स आॅफ परफार्मेंस राजनीति आगे बढ़ेगी।
अब तक का सबसे धमाकेदार वार।
■क्या कहा दिग्विजय सिंह ने तो आइए जानते है, गुजरात का एक फकीर ऐसा भी था, जिसने परिवार होते हुए भी धोती चप्पल पहनकर बिना पद के देश को आजादी दिलाई सम्मान दिलाया, मोदी जी जरा सोचिये आपने तो कहा है, (आप फकीर है) झोला उठाकर चल पड़ेंगे, लेकिन देश को गरीब मत बनाइये, आज एक और फकीर गुजरात से आया है, जो अपनी बुड़ी माँ को छोड़कर लाखों के सुट-बुट चश्मे घड़ी जुते पहनकर हवाई जहाज़ से नीचे नही उतरता, और अपने आपको फकीर कहता है, मोदी जी ने फकीर की परिभाषा ही बदल दी, है प्रभु मोदी जी अपने जैसा ही फकीर सभी भारत वासियों को बनाएँ,रोज तुगलकी फरमा जारीकर अनिश्चितता का माहौल बना दिया है, देश के गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारवारो की कमाई की सुरक्षा करिये (मोदी जी) मजदूरों को काम मिलना बंद हो गया, बीड़ी मजदूरों को मजदूरी नही मील रही है, उद्योग से नौकरी से निकाला जा रहा है, लोगों का धंधा चौपट हो रहा है।