डिग्री धारक सफाईकर्मी
अजहर उद्दीन
फतेहपुर – देश में बेरोजगारी का आलम क्या है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, नगर पालिका में संविदा सफाईकर्मियों की भर्ती के लिए हाई क्वालीफिकेशन के साथ-साथ टेक्निकल डिग्री धारकों ने आवेदन किया है। जिसने सरकार के सबका विकास और सबको रोजगार के दावे की पोल खोलकर रख दी है। एक तरफ जहां सरकार टेक्निकल एजुकेशन को बढ़ावा के लिए कौशल विकास जैसी योजनाएं चला रही है। वहीं दूसरी तरफ संविदा सफाईकर्मी जैसी निम्नतर सेवा के लिए चल रही मारा-मारी में हायर एंड टेक्निकल एजुकेटड युवाओं की मौजूदगी तमाम दावों का मखौल उड़ा रही है।
वीओ- बात अगर केंद्र और राज्य सरकार की करें तो मेक इन इंडिया के तहत जहां केंद्र सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है। देश से लेकर विदेशों तक पीएम मोदी मेक इन इंडिया को प्रोमट करने में लगे हुए हैं। इतना ही नहीं सरकार अपने ढाई साल के कार्यकाल में मेक इन इंडिया को एक बड़ी उपलब्धि की तरह पेश करने में जुटी हुई है। लेकिन हालात ये हैं कि देश के बेरोजगार टेक्निकिल एजुकेशन में लाखों खर्च करने बाद अब सफाईकर्मी के लिए आवेदन करने को मजबूर हैं। वहीं सूबे के सीएम अखिलेश युवा जोश का नारा देकर बेरोजगार हितैशी सरकार होने का दम भले ही भर रहे हो, लेकिन जिस तरह से संविदा सफाई कर्मी के लिए जिले में कुल 196 पदों के लिए करीब साढ़े 13 हजार शिक्षित युवाओं और युवतियों ने आवेदन किया है। जो यह बताने के लिए काफी है, कि सरकार के लोक लुभावन नारे और योजनाएं केवल जुबानी जमाखर्च है और जमीनी हकीकत में प्रदेश के पोस्ट ग्रेजुएट तथा टेक्निकल एजुकेटेड युवा कूड़े में अपना भविष्य तलाशने को मजबूर हैं।