नीरज परिहार की कलम से (पिनाहट, बाह) आगरा की प्रमुख खबरें,जाने कहा बैंक लाइन में लगी युवती हुई बेहोश

बैंक की लाइन में घंटों लगी युवती गश खाकर गिरी 
आगरा-पिनाहट । प्रधानमंत्री द्वारा एक माह पूर्व कालेधन के खिलाक एक बडा ऐतिहासिक कदम उठाया था। जिसमें एक हजार पॉच सौ के नोटबंदी को लेकर लोग बैंको के सामने सुबह तीन बजे से ही लाइनों में लग जाते है। जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना उठाना पड रहा है। बुधवार को कस्बा के अरनोटा रोड स्थित स्टैट बैंक पर सैकडों की संख्या में महिलाओं ओर पुरुषों की रूपये निकालने और जमा करने के लिए भीड लगी हुई थी जिसमें लोग बैंक के अन्दर जाने का इन्तजार कर रहे थे तभी कई घंटों से बैंक की लाइन में लगी छदामी पुरा निवासी युवती अचानक गश खाकर जमीन पर गिर पडी। जिससे लोगों में अकरा तकरी मच गयी। युवती के गिरने से युवती के सिर से खून बहने लगा तत्काल पुलिस ने युवती को अपनी गाडी से युवती को इलाज के लिए अस्पताल पहुचाया जहॉ युवती को इलाज के दौरान होश आने पर पुलिस ने उसे दवा दिलवाकर बैंक से तत्काल रूपये दिलवाकर उसके घर छोड दिया।
छोलाछाप डॉक्टर कर रहे मनमानी।
आगरा-बाह ।  क्षेत्र में गली गली में छोलाछाप अपने कर्जी तरीके से क्लीनिक खोलकर मनमानी कर रहे है। पहले तो ये छोलाछाप डॉक्टर छोटे से बुखार और दर्द को एक बडी बीमारी बताकर मरीजों को डराते है। कई तरह की जॉच कराते है। और मरीजों से मोटी रकम बसूलते है। कई बार ये छोलाछाप डॉक्टरो के इलाज से  मरीजों की जान तक चली जाती है।मगर स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन छोलाछाप डॉक्टरों के खिलाक कोई कार्यवाही नही होने से इन छोलाछाप डॉक्टरों के हौसले बुलंद है। पिनाहट कस्बा के एक क्लीनिक संचालक के इलाज से एक बच्चे की जान चली गई थी। जब उसके खिलाक कार्यवाही हुई तो वह क्लीनिक बंद करके भाग गया। लेकिन किर से वह अपनी क्लीनिक चलाने लगा है जिस पर कोई गौर नही कर रहा है। जिससे किर हादसे की आशंका है। कस्बे में एक मात्र सरकारी अस्पताल भी लचर व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा में रहता है। यहॉ मरीजों का उपचार खानापूर्ति के लिए किया जाता है। जिसके चलते मरीज छोलाछाप डॉक्टरों पर इलाज करवाने को मजबूर होते है। और रात में मरीज सरकारी अस्पताल की सुविधा न लेकर इधर उधर भटकते है। इसी सन्दर्भ में चिकित्साप्रभारी पिनाहट अतुल भारती का कहना है कि हमने कस्बा के सभी छोलाछाप डॉक्टरों को नोटिस जारी किये थे जिन पर जबाब आते ही कार्यवाही की जायेगी। 
पुलिस ने शांति भंग में आठ को भेजा जेल 

आगरा-पिनाहट । थाना क्षेत्र के दो अलग अलग मौहल्लों से पिनाहट पुलिस ने आठ लोगों को शांति भंग में जेल भेज दिया है जानकारी के मुताबिक दीपू पुत्र मुरारी निवासी रघुनाथ पुरा और दूसरा पक्ष अशोक कुमार सहमत, अजय, के बीच किसी बात को लेकर झगडा हो गया था। इनकी तहरीर पर पुलिस थाने ले आई और दूसरी घटना नयापुरा की है। जहॉ रामनिवास और राजेन्द्र का झगडा सतीश् और नाहर सिंह से हो गया था। जिस पर पुलिस ने इनकी तहरीर पर दोनों पक्षों के खिलाक मुकददमा दर्ज कर शांति भंग में जेल भेज दिया है। ऐम्बूलैंस नही पहुंची, नवजात बच्ची की मौत।

आगरा-बाह।  थाना बाह क्षेत्र के सुंस्सार  गॉव में  प्रसव के लिए एक महिला को दर्द हुआ तो परिजनों ने महिला को अस्पताल लेजाने के लिए सरकारी ऐम्बूलैंस सेवा को फोन किया।कई बार फोन लगाने के बाद भी ऐम्बूलैंस गांव नही पहुंची दर्द से कराह रही पत्नी देखकर पति उसे मोटरसाइकिल से अस्पताल लाने लगा  रास्ते में प्रसूता ने एक बच्ची को जन्म दिया।प्रसव ठीक से नही होने पर नवजात बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रो में गर्भवती महिलाओ के सुरक्षित प्रसव के लिए लाखों रुपए की योजनाए चलाकर हर सम्भव सुविधाओ मुहैया कराने के लिए प्रयास कर रही है।जिसके लिए सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग को ऐम्बूलैंस सेवा को गर्भवती महिलाओ को स्वास्थ्य केन्द्रों पर लाने लेजाने के लिए उपलब्ध कराया गया है।मगर ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओ को इसका लाभ नही मिल रहा है।और उन्हे  अपनी जान या अपने बच्चे की जान गबाकर चुकानी पड़ रही है।ऐसा ही मामला आगरा जनपद के बाह क्षेत्र का जहां गांव सुंस्सार निवासी बृजेश कुमार की पत्नी बसंती देवी उम्र 26 गर्भवती थी।बुधवार को अचानक महिला के प्रसव के लिए तेज दर्द होने लगा परिजनों ने फोन से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर प्रसव को लेजाने के लिए ऐम्बूलैंस को फोन किया।परिजनो का आरोप है कई बार सूचित करने के काफी देरतक ऐम्बूलैंस गांव में नही पहुंची पत्नी के प्रसव का दर्द और जान के खतरे के चलते पति बृजेश अपनी पत्नी को मोटरसाइकिल से भाभी किरन के साथ सामूहिक स्वास्थ्य केन्द्र बाह लारहा था।तभी रास्ते में दर्द से कराहते हुए महिला एकल बच्ची को जन्म दिया।मगर ठीक से प्रसव और समय पर इलाज नही मिलने के कारण नवजात बच्ची की मौत हो गई।अगर ऐम्बूलेंस समय पर पहुंच जाती तो नवजात की जान बच सकती थी।इसी सन्दर्भ में  चिकित्सा प्रभारी बाह का कहना कि जांच कर कार्रवाई की जायेगी।

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