हर फ़कीर में एक बादशाह छिपा होता है, एक सच जिसको
यशपाल सिंह/आजमगढ़
जिसे भी देखना कई बार देखना। कभी कभी ऐसा ही होता है लोग जो कयास लगाते हैं मामला उससे कुछ इतर होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी कर दी अचानक। अब पता चल रहा है कि राजा तो राजा यहाँ फकीरों में भी राजा छिपे हुए थे।
शहर के सिविल लाइन स्थित एक बैंक में बुधवार को हुए हंगामे का ये वाकया बहुत कुछ बता गया। यहाँ कोल्घात कुष्ठ बस्ती के कुछ लोग हंगामा कर रहे थे क्योंकि इन्होने जो पैसा जमा किया वह निकल नहीं। पता चला कि बेहद गरीब लोग हैं जो भीख मांग कर जीते खाते हैं। लेकिन हैरत की बात रही कि किसी ने 50 हज़ार, किसी ने 90 हज़ार तो किसी ने एक लाख रूपये नकद जमा कर रखा था वह भी घर में। इन्होने जनधन खाता खोल रखा था। अब अचानक नोट बंदी के बाद 11 नवम्बर को ही इन्होने अपने हज़ारों रूपये एक साथ जमा कर दिए थे। वहीं सरकार अब जनधन खातों में अचानक ज्यादा संख्या में रूपये जमा कराने पर निकासी पर रोक लगा दी है। जिसको लेकर इन लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया। किसी ने 97 हज़ार तो किसी ने 85 हज़ार एक साथ जमा कर दिए थे।
शहर के सिविल लाइन स्थित एक बैंक में बुधवार को हुए हंगामे का ये वाकया बहुत कुछ बता गया। यहाँ कोल्घात कुष्ठ बस्ती के कुछ लोग हंगामा कर रहे थे क्योंकि इन्होने जो पैसा जमा किया वह निकल नहीं। पता चला कि बेहद गरीब लोग हैं जो भीख मांग कर जीते खाते हैं। लेकिन हैरत की बात रही कि किसी ने 50 हज़ार, किसी ने 90 हज़ार तो किसी ने एक लाख रूपये नकद जमा कर रखा था वह भी घर में। इन्होने जनधन खाता खोल रखा था। अब अचानक नोट बंदी के बाद 11 नवम्बर को ही इन्होने अपने हज़ारों रूपये एक साथ जमा कर दिए थे। वहीं सरकार अब जनधन खातों में अचानक ज्यादा संख्या में रूपये जमा कराने पर निकासी पर रोक लगा दी है। जिसको लेकर इन लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया। किसी ने 97 हज़ार तो किसी ने 85 हज़ार एक साथ जमा कर दिए थे।