देश मे परस्पर मछली पालन का कम होना चिंता का विषय – जी सी यादव

संजय कुमार/बलिया(बेल्थरा रोड)

राष्ट्रीय मत्स्यिकी विकास बोर्ड ( N,F,D,B ) के योजनान्तर्गत 5 दिन का मत्स्य प्रशिक्षण कृषि मुख्य कार्यकारणी अधिकारी संजय कुमार के नेतृत्व मे राजकीय मत्स्य प्रक्षेत्र अवायाँ ग्राम में किया गया। जो पाँच दिनों तक चलेगा। ुकार्यक्रम में मुख्य अतिथी एसडीएम व नायब तहसीलदार थे, विशिष्ट अतिथि उपनिदेशक मत्स्य मण्डल आजमगढ़  जी०सी० यादव थे। जी.सी.यादव ने बताया की इस शिविर का मकसद सिर्फ और सिर्फ मछली पालन को बढ़ावा देना है ये शिविर केंद्र सरकार के अंतर्गत चलाया जा रहा है।

कृषि विज्ञान केंद्र सोहाव के कृषि वैज्ञानिक रिसोर्स परसन के रूप में आये डॉ० वेद प्रकाश ने कहा कि परस्पर कृषि छेत्र का छोटा होना चिंता का विषय है।उन्होंने कहा कि अगर किसान वैज्ञानिक तकनीक से मछली पालन करे तो वो घर रहकर भी अच्छा से अच्छा जीवन यापन कर सकते है। कार्यक्रम के संचालक क्षेत्रिय कृषि इन्स्पेक्टर विपिन बिहारी ओझा ने किसानो को मछलियो की वेराइटी के बारे मे बताया उन्होंने भारतीय मछली और विदेशी मछलियों की पहचान बताई ।भारतीय मछली मे ,भाकुर, रोहू,नैन का नाम लिया और विदेशी में सिल्वर कार्प ,ग्रास कार्प, कमान कार्प को बताया साथ ही कहा की अगर किसान इन सभी मछलियों का मिश्रण कर के मछली पालन करते है तो 100% उन्हें लाभ होगा ,क्योंकि इन सब मछलियों में कुछ तालाब के बिच में रहना पसंद करती है तो कुछ किनारे पे कुछ मिटटी से लग के रहती है तो कुछ ऊपर पानी पे इससे सारा तालाब भरा रहेगा मछलियों से।
श्री बिहारी ने फिश का फुलफॉर्म कुछ इस तरह बताया ।
F – Food
I –  Income
S – Sports
H -Health
इस कार्यक्रम मे ज़िले के कृषि अधिकारी लल्लन प्रसाद, राजेंद्र भारती, श्री राम जी, संतोष कुमार,आदि उपस्थित रहे।

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