मुख्यमंत्री के हाथो मिला था लोहिया आवास, पी.डी ने उठाया सवाल
महिलाओं का आरोप, पीडी मांग रहे सुविधा शुल्क
अनंत कुशवाहा
अम्बेडकरनगर। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार लोहिया आवास योजना के लाभार्थी दर-दर भटक रहे है। यह लाभार्थी कोई आम लाभार्थी नहीं बल्कि उन्हे मुख्यमंत्री द्वारा जिला मुख्यालय पर 12 जून को आयोजित कार्यक्रम मंे लोहिया आवास स्वीकृत किये जाने का पत्र सौंपा था। मजे की बात है कि मुख्यमंत्री द्वारा आवंटित किये गये लोहिया आवास के पात्रो को अब जिला प्रशासन द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया गया है तथा उनके बैंक खातो पर भी रोक लगा दी गयी है।
गौरतलब है कि गत 12 जून को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिला मुख्यालय पर आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया था। उस दौरान उन्होने बसखारी विकास खंड ग्राम रूद्रपुर भगाही की नौ अल्पसंख्यक महिलाओं को लोहिया आवास स्वीकृति का पत्र प्रदान किया था। सभी पात्र महिलाओं की पात्रता की जांच तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा तीन स्तरो पर करायी गयी थी। लगभग छः माह बीत जाने के बाद इन महिलाओं को लोहिया आवास आवंटित नहीं हो सका है। पता चला है कि इन सभी को पात्रता सूची से बाहर करने का प्रयास किया जा रहा है। इन महिलाओं ने परियोजना निदेशक पर आरोप लगाया कि उनसे प्रति आवास 10 हजार रूपये की सुविधा शुल्क की मांग की जा रही है। रूपया न देने पर उनके बैंक खातो पर रोक लगा दी गयी है। सवाल यह है कि जब त्रिस्तरीय जांच के बाद मुख्यमंत्री द्वारा लोहिया आवास का आवंटन किया गया था तो अब यह सभी अपात्र कैसे हो गयी। फिलहाल मुख्यमंत्री के हाथो लोहिया आवास प्राप्त कर चुकी ये महिलाएं स्वयं को ठगी महसूस कर रहीहैं। हालांकि परियोजना निदेशक प्रदीप कुमार का कहना है कि जो शिकायते मिली है उनकी जांच करायी जा रही है। उसके बाद ही आगे की कार्यवाही की जायेगी। फिलहाल पूरे मामले में परियोजना निदेशक की भूमिका संदिग्ध है।